रूस हमेशा से भारत को रक्षा क्षेत्र के उपकरण की आपूर्ति करता आया है और आगे भी रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा सहयोगी बना रहना चाहता है। इसी वजह से रूस ने एक बार फिर 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-57 को डेवलप करने के लिए भारत और रूस को साथ आने का आह्वान किया है ताकि दोनों देशों की वायुसेना इस तकनीक से अगले कुछ दशक तक लाभान्वित रहें।
रूस की फेडरल सर्विस फ़ॉर मिलिट्री एंड टेक्निकल कोऑपरेशन (FSMTC) के डिप्टी डायरेक्टर व्लादिमीर ड्रोज़ोज़ोव के हवाले से बताया गया, "मेरा मानना है कि हमें इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करना चाहिए। हम इसके लिए तैयार हैं। हम अपने भारतीय सहयोगियों के लिए इस कार्यक्रम को शुरू करने का प्रस्ताव दे रहे हैं।" मास्को में 9 जुलाई को TASS समाचार एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सुखोई एसयू-57 अद्वितीय क्षमताओं के साथ एक अत्यंत सक्षम 5 वीं पीढ़ी का मल्टीरोल विमान है।
इससे पहले रूसी उद्योग और व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव ने मार्च 2019 के अंत में इंटरफैक्स समाचार एजेंसी को बताया था की कि सुखोई एसयू-57 दुनिया में नवीनतम सुपरसोनिक स्टील्थ जेट है और भारतीय वायु सेना को इसे अपने बेड़े में लाने की दिलचस्पी जरूर होगी।
बता दें की विमान एसयु-57 का सीरिया में युद्ध की स्थिति में परीक्षण किया गया है और रूसी सैनिकों को इसकी डिलीवरी शुरू भी हो गई है। एसयु-57 के निर्माता रोस्टेक और यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (UAC) ने लड़ाकू विमानों के निर्यात के लिए पहले ही आवेदन कर दिया था और संभावित ग्राहकों को जेट की आधिकारिक पेशकश करने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।
आसमान पर हावी होने के लिए निर्मित एसयु-57 हवाई, जमीन और समुद्र के लक्ष्य के साथ-साथ विजुअल रेंज से परे भी अपने लक्ष्यों को नष्ट कर सकता है।