राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है जिसने राजनीति माहौल में बवाल खड़ा कर दिया है। सिद्दीकी ने कहा कि उन्हें ‘भारत माता की जय' बोलने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन राष्ट्रगीत वंदे मातरम गाना उनकी आस्था के खिलाफ है।‌‌

‘वन्दे मातरम्’ राष्ट्रगीत जो हर भारतीय के दिलो में बसता है इतना ही नही बल्कि राष्ट्रगीत हर भारतीय नागरिक की शान है उसे गाने में सिद्दीकी को परेशानी है। भारत में रहने वाले इस नेता का इस तरह का बयान उनके भारतीय होने पर भी प्रश्न खड़ा कर देते है।‌‌

अब्दुल बारी सिद्दीकी बिहार के दरभंगा में लोकसभा चुनाव के प्रत्‍याशी है। सिद्दीकी ने नाथूराम गोडसे को देश का पहला आतंकवादी करार देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी में हिम्मत है तो वह 'गोड्से मुर्दाबाद' का नारा लगाए।‌सिद्दीकी के इस बयान के बाद भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि सिद्दीकी को पहले 'कठमुल्लावाद मुर्दाबाद' का नारा लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिद्दिक़ी भी अब आजम खान और महबूबा मुफ्ती की कड़ी में शामिल हो गए हैं। निखिल आनंद ने कहा कि सामाजिक न्याय के विरोधी सिद्दिक़ी को दरभंगा की जनता सबक सिखाएगी।

वहीं सिद्दीकी के बयान पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता अजय आलोक ने पूछा कि आप पर किसका असर हुआ है, ओवैसी या तेजस्वी का? उन्होंने कहा कि स्वाधीनता से जुड़ा वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत है जो हर भारतीय के दिल में है, रही बात आतंकवादी की तो देश के पहले आतंकवादी मुगल थे, जिन्होंने करोड़ों हिंदुओं को ज़बरदस्ती मुसलमान बनाया। सिद्दीकी के इस बयान पर महागठबंधन कांग्रेस किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से बचती नजर आयी। कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि वंदे मातरम हमारी राष्ट्रीय अस्मिता से जुडा़ है और महागठबंधन के नेताओं को ऐसे विवादित बयानों से बचना चाहिए।