देहरादून स्थित एक मिशनरी स्कूल का एक घिनौना कृत्य सामने आया है। जिसमे 12 वर्षीय मासूम की स्कूल में पढ़ने वाले 12वी के छात्रों द्वारा इतनी बेरहमी से पिटाई की गई जिससे उसकी जान चली गई। आइये विस्तार से जाने है घटना के बारे में

देहरादून की ऋषिकेश तहसील के रानीपोखरी में स्थित होम अकादमी में पढ़ने वाले 12 वर्षीय छात्र वासु यादव पर यह आरोप लगाया गया था कि उसके द्वारा बिस्किट के पैकेट की चोरी की गई है और उसे दोषी भी ठहराया गया था। उसके बाद स्कूल में पढ़ने वाले 12वी के छात्र ने मासूम को स्टंप्स और क्रिकेट बैट से बड़ी बेरहमी से पीटा जिससे उसकी जान चली गई। छात्र को स्कूल वालों ने अस्पताल पहुंचाया जहाँ उसने दम तोड़ दिया। अब स्कूल प्रशासन ने इस घटना को छुपाने का भरपूर प्रयास किया।

अमर उजाला 

स्कूल का स्टाफ और हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने इसे फ़ूड पॉइज़निंग का मामला बता कर बात को यही खत्म करना चाहा परन्तु पुलिस को ये बात हजम नहीं हो रही थी। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने 2 लोगों पर दफा 302 के तहत हिरासत में लिया वही स्कूल के तीन कर्मचारी, हॉस्टल वार्डन और स्पोर्ट्स टीचर पर घटना को छिपाने और सबूत मिटाने के जुर्म में अंदर कर दिया है। सूत्रों की माने तो पुलिस द्वारा स्कूल संचालक पर कार्यवाही न करना पुलिस की संदिग्ध भूमिका को दर्शाता है।

मृतक को आरोपियों द्वारा ठंडे पानी से नहलाया गया और गन्दा पानी भी पिलाया था। बता दे कि मृतक छात्र का नाम वासु यादव था और वह पश्चिमी उत्तरप्रदेश के हापुड़ का रहने वाला था। मृतक के पिता कुष्ठ रोगी है।

उत्तराखंड के बाल अधिकार संरक्षण की अधिकारी उषा नेगी ने बताया कि “स्कूल प्रशासन ने घटना को छिपाने का हरसंभव प्रयास किया। घटना 10 मार्च को हुई और हमें 11 मार्च को इस घटना के बारे में पता चला। जब हम स्कूल पहुंचे तो स्कूल प्रशासन ने छात्र का पोस्टमार्टम करवाए बिना छात्र को स्कूल परिसर में दफना दिया था। छात्र की मृत्यु हो गयी है इस बात की जानकारी भी स्कूल प्रशासन ने छात्र के परिजनों को नहीं दी।”