रिलायंस कम्युनिकेशन्स के चेयरमैन अनिल अंबानी को 7.7 करोड़ डॉलर एरिक्सन को देना था जिसे वह एक निश्चित अवधि में नहीं दे पा रहे थे और इसके कारण उन्हें जेल जाना भी जाना पड़ सकता था। लेकिन अनिल अंबानी के भाई मुकेश अंबानी ने उन्हें इस मुसीबत से बचा लिया।
मुकेश अंबानी ने 7.7 करोड़ डॉलर की राशि अपने भाई को दे दी। बता दे की इससे पहले भी अनिल अंबानी अदालत के आदेशानुसार बची हुई राशि भुगतान करने में असमर्थ थे। अब यदि वह कोर्ट की अवमानना करते तो उन्हें जेल जाना पड़ता।
बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने अनिल अंबानी को एरिक्सन के बचे हुए 7.7 करोड़ डॉलर की रकम चुकाने में हो रहे विलम्ब को कोर्ट की अवमानना माना था।
पिछले साल ही अनिल अंबानी ने कहा था की वह इस साल के अंत तक एरिक्सन का पूरा क़र्ज़ चुका देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आदेश दिया था कि 4 हफ़्ते के अंदर यदि एरिक्सन का पूरा पैसा प्राप्त नहीं होता है तो इसके लिए अनिल अंबानी के साथ उनके दो सहयोगियों को 3 महीने हेतु जेल जाना पड़ सकता है। यह 4 हफ़्ते की समय सीमा बुधवार के दिन समाप्त हो रही थी। सोमवार को ही स्वीडन के टेलिकॉम ग्रुप एरिक्सन ने बताया कि उसे रिलायंस कम्युनिकेशन्स द्वारा 6.7 अरब डॉलर की रक़म प्राप्त हो गयी है।
बड़े भाई मुकेश और भाभी नीता अंबानी द्वारा इस सहायता के लिए अनिल अंबानी ने उन्हें धन्यवाद किया और कहा की में बयान देता हूँ की ''इस मुश्किल घड़ी में मुझे अपने परिवार द्वारा मदद मिली है। जो हमारे परिवार के मज़बूत मूल्यों को ही दर्शाता है। जिस वक़्त मुझे सबसे ज़्यादा मदद की ज़रूरत थी मेरा परिवार साथ खड़ा हुआ।''
अनिल अंबानी ने अपने बयान में यह भी कहा है की ''मैं और मेरा परिवार इस बात के लिए आभारी है कि हम अतीत से निकल गए हैं। इस सहायता के लिए दिल से आभार प्रकट करता हूं।'
जानकारी दे दे की कुछ समय पहले दोनों भाईयो के मध्य के सम्बन्ध अच्छे नहीं थे और दोनों में अपने अपने व्यापार को लेकर प्रतिद्वंद्विता चल रही थी।