देश में पर्यावरण के संरक्षण और हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 1,400 किलोमीटर लंबी 'ग्रीन वॉल' तैयार करने का निर्णय लिया है। इसके लिए अफ्रीका में सेनेगल से जिबूती तक बनी हरित पट्टी की तरह ही गुजरात से लेकर दिल्ली-हरियाणा सीमा तक 'ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया' को बनाया जाएगा। इसकी लंबाई 1,400 किलोमीटर होगी, साथ ही यह 5 किलोमीटर चौड़ी होगी। बता दें कि अफ्रीका में क्लाइमेट चेंज और बढ़ते रेगिस्तान से निपटने के लिए हरित पट्टी को निर्मित किया गया है। इसे 'ग्रेट ग्रीन वॉल ऑफ सहारा' कहते है।
अभी इस पर विचार किया जा रहा है, परंतु इसे लेकर कई मंत्रालयों के अधिकारी बहुत उत्साहित हैं। अगर इस प्रॉजेक्ट का कार्य शुरू होता है तो यह भारत में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए भविष्य में भी एक मिसाल बन जायेगा। थार रेगिस्तान के पूर्वी ओर इसे विकसित किया जाएगा। पोरबंदर से लेकर पानीपत तक बनने वाली इस ग्रीन बोल्ट द्वारा घटते वन क्षेत्र में वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त राजस्थान, गुजरात, हरियाणा से लेकर दिल्ली तक फैली अरावली की पहाड़ियों पर घटती हरियाली के संकट को भी कम करने में मदद मिल सकेगी।
इससे पश्चिमी भारत और पाकिस्तान के रेगिस्तानों से दिल्ली तक उड़कर आने वाली धूल में भी रोक लग सकेगी। एक अधिकारी ने बताया कि, 'भारत में घटते वन और बढ़ते रेगिस्तान को रोकने का यह आइडिया हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की कॉन्फ्रेंस (COP14) से आया है। हालांकि अभी यह आइडिया मंजूरी के लिए फाइनल स्टेज में नहीं पहुंचा है।'
बता दें कि करीब एक दशक पहले अफ्रीका में 'ग्रेट ग्रीन वॉल' पर कार्य शुरू हुआ था। इस आइडिया को भारत सरकार 2030 तक राष्ट्रीय प्राथमिकता में रखकर जमीन पर उतारने के बारे में सोच रही है। इसके द्वारा 26 मिलियन हेक्टेयर भूमि को प्रदूषण मुक्त करने का लक्ष्य रहेगा।