दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच गठबंधन को लेकर मतभेद अब खुल कर सामने आने लगे हैं। दोनों नेता इस चुनाव में भाजपा को हराना चाहते हैं लेकिन दोनों के एकसाथ होने को लेकर हर दिन कोई न कोई अड़चन आ ही जाती है। कभी सूचना मिलती है कि गठबंधन पर सहमति बन गई है तो कभी किसी पार्टी की तरफ से कोई बहाना बना दिया जाता है। कभी राहुल गांधी अरविन्द पर आरोप लगाते हैं तो कभी अरविन्द की तरफ से गठबंधन पर सहमति न होने के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया जाता।

जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नज़दीक आ रही है दोनों पार्टियों की गठबंधन को लेकर झटपटाहट सामने आ रही है। राहुल गांधी और अरविन्द केजरीवाल ट्विटर पर बहस करते दिखे और गठबंधन नही होने के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया।

राहुल गांधी ने कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन न होने के लिए केजरीवाल को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा “दिल्ली में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन का मतलब है भाजपा की हार। इसके लिए कांग्रेस आप को 4 सीट तक देने लिए तैयार है। लेकिन मिस्टर केजरीवाल ने एक दूसरा यू-टर्न मार दिया है। हम अब भी तैयार हैं, लेकिन समय निकलता जा रहा है।”

राहुल गांधी के यू-टर्न के आरोप का जवाब देते हुए केजरीवाल ने लिखा कि राहुल जी किस यू-टर्न की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तो बातचीत चल रही है। केजरीवाल ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वे बयानबाजी कर रहे हैं और उनकी गठबंधन करने की इच्छा नही है। मोदी-शाह को खतरा करार देते हुए अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि राहुल गाँधी उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों में मोदी विरोधी वोटों को बाँट रहे हैं।

इस बीच आम आदमी पार्टी में रह चुके आशुतोष ने अरविन्द केजरीवाल को ट्विटर पर ही जवाब दिया कि आप मोदी शाह को हारने के लिए गठबंधन दिल्ली में करें और दिल्ली और हरियाणा में बातचीत करते रहिये लेकिन दोनों को लिंक क्यों कर रहे हो?

जब राहुल गांधी और केजरीवाल के बीच के मतभेद ट्विटर पर सामने आये तो लोगों ने इसका जमकर मज़ाक बनाना शुरू कर दिया।

एक यूजर ने आशुतोष का मज़ाक उड़ाते हुए लिखा कि मोदी तो जीते जिताये हैं कितने भी गठबंधन कर लो आशुतोष जी तुम्हें कुछ मिलने वाला नही है।

एक अन्य यूजर न राहुल गांधी का मज़ाक यह कहकर उड़ाया कि शुक्र है राहुल गाँधी ने ज़्यादा दिमाग नही लगाया वरना वे साढ़े तीन साढ़े तीन सीटें भी बाँट सकते थे।

आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर अनिर्णय की स्थिति काफी लम्बे समय से बनी हुई। शीला दीक्षित ने आप के साथ गठबंधन के लिए असहमति दिखाई है तो कई कांग्रेस के नेता इसके पक्ष में हैं। अब देखना ये है कि गठबंधन की इन अटकलों पर कब विराम लगता है।