लोकसभा चुनाव के दौरान सिद्धू ने कई विवादित बयान दिए। जिसके कारण कांग्रेस पार्टी के सदस्य भी उनसे नाराज है। लेकिन लोकसभा चुनाव ख़त्म होने के बाद पंजाब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पहली कैबिनेट बैठक बुलाई पर नवजोत सिंह सिद्धू उसमे शामिल नहीं हुए। जिसके कारण सिद्धू के मंत्रालय में परिवर्तन कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक बिजली एवं नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी सिद्धू को दी गई है । इसके साथ ही कुछ अन्य मंत्रियों के विभाग में भी परिवर्तन किया गया है।

बता दे कि इससे पहले कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू स्थानीय निकाय के साथ पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

बैठक में हुए फैसले के अनुसार केवल चार मंत्रियों के पद वही है और शेष अन्य सभी मंत्रियों के प्रभारों में फेरबदल किया गया है। इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री का कहा है कि ऐसा करने  से सरकार के कामकाज में ज्यादा सुधार होगा और कार्यों में पारदर्शिता और कुशलता भी आ सकेगी।

हालाँकि सिद्धू का कह रहे है कि चुनावों में हुयी हार के कारण उनको निशाना बनाया जा रहा है। यह गलत है। उनका कहना है कि हार की जिम्मेदारी सामूहिक होती है। इसके लिए उन्हें महत्वहीन नहीं समझा जाना चाहिए। सिद्धू ने कैप्टन को आड़े हांथो लेते हुए कहा है कि हार के लिए केवल उनपर ही निशाना क्यों साधा जा रहा है और अन्य नेताओं के विरुद्ध क्यों नहीं? वो हमेशा से एक अच्छे परफ़ॉर्मर हैं।

पर्यटन तथा संस्कृति के मामलों की जिम्मेदारी अब चरणजीत सिंह चन्नी को दी गयी है। इसके अलावा सीएम ने स्थानीय शासन विभाग की जिम्मेदारी सबसे वरिष्ठ सहयोगी ब्रह्मा मोहिंद्र को सौंपी है और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण का प्रभार बलबीर सिद्धू को दिया गया है। पशुपालन, मत्स्य पालन ,डेयरी प्रभार तृप्त बाजवा को दे दिया गया है।