पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब सरकार के मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के बीच मतभेत की खबरें सामने आ रही हैं। अब सिद्धू खुलकर विरोध करते नज़र आ रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में भी आने से इंकार कर दिया है।

सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार और सिद्धू के बीच विवाद की जड़ लोकसभा चुनावों में 5 सीटों में कांग्रेस को मिली हार है। इस हार के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने नवजोत सिंह सिद्धू के शहरी निकाय मंत्रालय के बुरे प्रदर्शन को ज़िम्मेदार बताया। लेकिन सिद्धू ने इसकी ज़िम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया और कहा कि हार के लिए हम सामूहिक रूप से ज़िम्मेदार हैं। अपना गुस्सा जाहिर करते हुए उन्होंने कैबिनेट की मीटिंग में आने से भी इंकार कर दिया है।

कुछ दिनों पहले कैप्टन अमरिंदर के साथ सिद्धू ने फेसबुक पर एक दूसरे से गिले शिकवे दूर करने की बात कही थी। सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपना बड़ा भाई बताया था और अपनी गलती भी पूछी थी। सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार में कई मंत्री हैं लेकिन हमेशा उन पर ही लोग क्यों उँगलियाँ उठाते हैं। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मैंने कभी किसी का नाम लेकर कभी ऐसी बातें नही कीं। सिद्धू ने कहा कि बोलने वाले 6-7 ही लोग होते हैं और फिर सवाल करते हैं कि सिद्धू कौन है। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर को कहा कि अब वे ही फैसला करें उनकी मर्जी। सिद्धू ने कहा कैप्टन साहब मेरे बड़े भाई है लेकिन वे मेरे सिर पर पैर रख रहे हैं।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से तनातनी के बीच अब सिद्धू का मंत्रालय बदलने की भी सुगबुगाहट तेज हो गई है। यदि सिद्धू का मंत्रालय बदलने का निर्णय कैप्टन अमरिंदर लेते हैं तो भी इस पर अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा ही किया जायेगा।