विपक्ष देश में नौकरियाँ कम होने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधे हुए है और केंद्र सरकार को इसका जिम्मेदार ठहरा रहा है। चुनावी माहौल में वह नौकरियों को भी मुद्दा बनाकर पेश कर रहे है। इसके जबाब में लोक नीति शोध केंद्र (पीपीआरसी) द्वारा दावा किया गया है केंद्र सरकार हर साल 1.5 करोड़ से ज्यादा नौकरियाँ सृजित करने में सक्षम हुई है।

केंद्र के निदेशक सुमित भसीन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह आंकड़ा उन्होंने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआइसी), अटल पेंशन योजना, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के आधार पर निकाला है।

सुमित भसीन ने आगे कहा कि वर्ष 2014 में भाजपा के घोषणापत्र के आधार पर पीपीआरसी ने दो क्षेत्रों का आकलन किया। इस आकलन के आधार पर आर्थिक क्षेत्र में काले धन और भ्रष्टाचार के विरोध में नोटबंदी, इन्सोल्वेंसी कोड, ई-बाजार (जीइएम) को बहुत प्रभावित किया है।

साथ ही एक दूसरी रिपोर्ट में युद्ध स्मारक, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून), अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, कुंभ को संस्कृति और परंपराओं की वृद्धि करने वाले कारकों में गिना गया है।

बता दे कि इस अवसर पर देश के मिशन शक्ति के लिए एक विस्तृत जानकारी वाला मोनोग्राफ भी प्रदर्शित किया गया। इतना ही नहीं इस कार्यक्रम में रिसर्च टीम के सदस्य वीरेंद्र सचदेवा और अन्य लोग भी उपस्थित थे।