भारतीय रेलवे में बढ़ेगा निजीकरण, जल्द हीं होगी 150 ट्रेन प्राइवेट ऑपरेटर के हवाले

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भारतीय रेलवे में बढ़ेगा निजीकरण, जल्द हीं होगी 150 ट्रेन प्राइवेट ऑपरेटर के हवाले

भारत में अब रेलवे निजीकरण की कगार पर जा पंहुचा है। बीते दिन रेल मंत्रालय ने 8-9 दिसंबर को एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया जिसमे केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कुछ ब्यूरोक्रैट्स को 150 ऐसे नए रूट की योजना तैयार करने का आदेश दिया है। इन रूट्स पर दुरंतो, तेजस और राजधानी जैसी ट्रेनें चलती हैं। अब इन रूट्स पर प्राइवेट कंपनी ट्रैन ऑपरेट करने वाली है।

मुंबई से 30 प्राइवेट ट्रेनें मध्य और पश्चिम रेलवे पर चलेगी। इन सभी ट्रेनों का संचालन मुंबई-अहमदाबाद और दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह किया जायेगा। इन ट्रेनों को इंडियन रेलवे केटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ही ऑपरेट करेगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई नए रूट्स पर चर्चा हुई है इन सभी ट्रेन का किराया और खाना प्राइवेट कंपनी ही देखने वाली है। यात्री को सुविधा मिलेगी, उनका सामान घर से ट्रेन तक लाने की ज़िम्मेदारी प्राइवेट ऑपरेटर की हो जाएगी। इन सभी ट्रेन को इस रुट पर प्राथमिकता मिलेगी।

रेलवे के चैयरमेन विनोद कुमार के अनुसार "इन 150 ट्रेनों के लिए बोली की प्रक्रिया अगले महीने से शुरू की जाएगी। देश में ऐसा पहली बार किया जा रहा है, इसलिए बिडिंग में समय लग सकता है। विश्व में इस सिस्टम का पहले से इस्तेमाल हो रहा है। पूरी प्रक्रिया को दो हिस्सों में पूरा किया जाएगा। पहले प्राइवेट बिडर्स को क्वॉलिफिकेशन के लिए बुलाया जाएगा। इसके बाद उनसे प्रस्ताव मंगाए जाएंगे। पूरी प्रक्रिया में छह महीने लग जाएंगे। प्रस्ताव मिलने पर रेवेन्यू और रूट पर चर्चा की जाएगी। मुंबई वाली ट्रेनें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई सेंट्रल, कुर्ला एलटीटी और बांद्रा टर्मिनस से चलेंगी। प्रॉफिटेबिलिटी और यात्रियों की संभावित संख्या के आधार पर प्राइवेट ऑपरेटर रूट तय करेंगे।"

इस विषय पर अधिकारी ने आगे जानकारी देते हुए बताया "जिन राज्यों में यात्रियों की संख्या आमतौर पर ज्यादा नहीं होती, वहां बदलाव करने में दिक्कत होगी। ऐसी जगहों पर एक हद के बाद किराया बढ़ाए बिना प्राइवेट कंपनियों के लिए पैसेंजर ट्रेनों का संचालन करना मुश्किल होगा। नई रेलगाड़ियां मौजूदा ट्रेनों की जगह पर नहीं लाई जा रही हैं। रेलवे इनकी अलग से मैन्युफैक्चरिंग करेगा और सप्लाई करेगा। ऐसा करने के लिए उसे सालाना आधार पर पेमेंट मिलेगी।"

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