उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चले रहे कुम्भ के मेले का अंतिम स्नान 4 मार्च को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर संपन्न हुआ। महाशिवरात्रि पर कुंभ मेले में एक करोड़ से अधिक लोगों ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ लिया। श्रद्धालुओं की यह संख्या मेला प्रशासन के अनुमान से कहीं अधिक है। अब तक कुंभ मेले में 24 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं।

इस आखरी स्नान के साथ कुम्भ मेला 2019 का समापन हुआ हो गया है। बता दे कुम्भ मेले ने 2019 में कई नाम गिनीज विश्व बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किये। सरकार द्वारा यह जानकारी रविवार को दी गई थी। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा यह  बयान देते हुआ कहा की ‘इसके लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की तीन सदस्यीय टीम ने दौरा किया। उसके बाद उन्होंने यह फैसला लिया है। कुंभ में पिछले कई दिनों में लगातार 3 रिकार्ड गिनीज बुक में दर्ज हुए हैं।

सबसे पहला रिकॉर्ड 28 फरवरी को बना था। इस दिन कुम्भ यात्रिओं की सेवा में निगम की कुल 503 शटल बसों का संचालन किया गया। इन बसों ने 12 किमी की दुरी तय की। एक जगह पर इतनी सारी बसों ने अपना नाम गिनीज विश्व बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया।

इसके अलावा मेले की सफाई व्यवस्था ने भी रिकॉर्ड बनाया है। कुम्भ में 10,000 सफाईकर्मियों ने एक साथ सफाई करके विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक जगह पर सात हजार से अधिक लोगों ने एक साथ सफाई कर रिकार्ड बनाया गया था।

इसके बाद 1 फरवरी को रिकॉर्ड दर्ज किया गया था। इसमें 8 घंटे तक लगातार छात्र-छात्राएं और आम नागरिकों ने पेंट माय वॉल  के तहत अपने हाथों के रंग-बिरंगे छाप से 'जय गंगे' थीम की पेंटिंग बनाई गई थी। इसके पहले साउथ कोरिया में 4675 लोगों के एक वाल पर पेंटिंग करने का रिकॉर्ड था।