लोकसभा चुनाव बहुत करीब है ऐसे में राजनीतिक पार्टियों ने अपनी अपनी चालें चलनी शुरू कर दी है। अब लोकसभा चुनाव है तो प्रधानमंत्री के नाम भी हवा में उछलते रहेंगे। जहाँ तक सत्ता पक्ष की बात है तो वहां मोदी 120% फिक्स हैं पर विपक्ष की तरफ से अब तक कोई भी चेहरा सर्वसम्मति से सामने नहीं आ पाया है। हालांकि विपक्ष ने कई बार अपना शक्ति प्रदर्शन अलग अलग मंचों पर किया है पर इसके साथ ही हर बार विपक्षी दलों में मतभेद भी सामने आते रहते हैं। ऐसे में किसी एक नाम पर सहमति बनती नजर नहीं आ रही है।

अब जब विपक्ष की तरफ से किसी भी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है तो आये दिन अलग अलग विपक्षी दलों की तरफ से राजनीतिक फलक पर नए नए नाम उछाले जा रहे हैं। इसी कड़ी में पिछले दिन उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ की सड़कों पर एक नया पोस्टर नजर आने लगा है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार कहा जा रहा है।

पिछले दिनों जब सपा और बसपा ने गठबंधन का फैसला किया तब संवाददाताओं द्वारा प्रधानमंत्री पद को लेकर पूछे गए सवाल में अखिलेश ने कूटनीतिक जवाब देते हुए कहा था की वो चाहते हैं की आने वाले साल में देश को एक नया प्रधानमंत्री मिले। इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा था कि वे चाहते है की अगला पीएम उत्तरप्रदेश से होना चाहिए।

बहरहाल बता दें को लखनऊ की सड़कों पर अखिलेश को प्रधानमंत्री पद का उपयुक्त उम्मीदवार बताती हुई पोस्टर के नारों में अखिलेश  महिमामंडन है। इन नारों में कहा गया है की “देश में, प्रदेश में, विश्वास है अखिलेश में चाहिए देश को नया प्रधानमंत्री।”

अब प्रश्न ये खड़ा होता है कि विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद के कितने उम्मीदवार हैं। हाल ही में ममता बनर्जी ने बड़ी रैली कर के खुद को बड़ा नेता बताया और दबी जुबान में खुद को पीएम प्रोजेक्ट किया। इसके अलावा राहुल गांधी का भी नाम तीन राज्यों में सरकार बनाने के बाद खूब उछला है। इसी मुद्दे पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा था कि एक मंच पर 9 से ज्यादा पीएम के दावेदार बैठे थे। उन्हें खुद ही नहीं पता है कि देश की कमान कौन संभालेगा।