पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों का बदला लेने के लिए जब मोदी सरकार ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर इस हमले का जवाब दिया था तब से ही विपक्षी पार्टी के नेताओं ने राजनैतिक बयानबाज़ी शुरू कर दी थी। जहाँ एक ओर एयर स्ट्राइक के मोदी सरकार और वायु सेना के इस निर्णय ने पूरे भारत का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया वहीं विपक्ष के नेताओं ने शहीदों के बदले को भी दिखावे का नाम दे दिया।

एकजुट हौसले की घड़ी में विपक्ष ने सरकार का साथ देने के स्थान पर बेतुकी बाते करते नजर आने लगे। हमारे ही देश के नेता पाक की भाषा में बात करते नजर आने लग गये। एयर स्ट्राइक के बाद से ही वायुसेना और मोदी सरकार से एयर स्ट्राइक के सबूत मांग रहे है।

जिन नेताओ को देश की सेना पर ही भरोसा नही रहा अब भला उनके लिए क्या कह सकते है।

इसी कड़ी में कांग्रेस नेता और गांधी परिवार के करीबी सैम पित्रोदा ने कहा, 'अगर एयरफोर्स ने तीन सौ लोगों को मारा तो ठीक है क्या इसके तथ्य और सबूत दिए जा सकते हैं?' पित्रोदा ने कहा कि भारत के लोगों को जानने का अधिकार है कि एयर फोर्स ने पाकिस्तान में कितनी तबाही मचाई और उसका क्या फर्क पड़ा। पित्रोदा अपने इंटरव्यू में पाक की वकालत करते हुए भी नजर आये।

कांग्रेस नेता पित्रोदा के इस बयान पर नरेंद्र मोदी ने चुप्पी तोड़ते हुए ट्विट किया और अपने ट्वीट में उन्होंने कांग्रेस पार्टी द्वार देश की सेनाओं पर सवाल खड़ा करने पर कहा, 'कांग्रेस राज घराने के वफादार ने मान लिया है कि कांग्रेस आतंकवादी ताकतों को जवाब नहीं देना चाहती थी। यह न्यू इंडिया है और हम आतंकवाद को उसी भाषा में जवाब देंगे जो उसे समझ में आती है।'

विपक्ष के नेता समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने भी सरकार पर ऊँगली उठाते हुए कहा था, 'अर्द्धसैनिकबल सरकार से दुखी हैं, वोट के लिए जवान मार दिए गए, जवानों को साधारण बसों में भेज दिया, यह साज़िश थी। जब सरकार बदलेगी, इसकी जांच होगी तब बड़े-बड़े लोग फंसेंगे।'

रामगोपाल यादव के इस बयान पर मोदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्ष आतंकवाद का समर्थन करने और सशस्त्रबलों से सवाल करने का आदी हो गया है। रामगोपाल यादव का बयान उन सबकी बेइज्जती है जिन्होंने कश्मीर को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। यह हमारे शहीदों के परिवारों का अपमान है।