जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का जवाब देते हुए भारतीय सेना ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी। 26 फरवरी को बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर वायुसेना ने मिराज विमान से स्पाइस-2000 बम बरसाए। इस हमले में 250-300 आतंकवादी मारे गए थे। उस समय पाकिस्तान ने आरोप लगाया था की भारतीय वायुसेना के निशाने चूक गए थे। एयर स्ट्राइक पर अब भारतीय वायुसेना का जवाब आ गया है।

एनडीटीवी से बात करते हुए बालाकोट पर हमला करने वाले भारतीय वायुसेना के पायलटों ने सीधे शब्दों में कहा कि उनका निशाना नहीं चूका था। उन्होंने कहा की पाकिस्तान बालाकोट में हुए भारी नुकसान को पूरी तरह से नहीं दिखा रहा है। एनडीटीवी से बात करते हुए एयरस्ट्राइक में शामिल दो  मिराज 2000 पायलटों में से एक पायलट ने उस रात के बारे बताया की एयरस्ट्राइक का यह ऑपरेशन  2-2.5 घंटों तक चला था। हमने मिराज से स्पाइस-2000 बम बरसाए, जिसके बाद आतंकी ठिकाने मात्र 90 सेकंड में पूरी तरह तबाह हो गए थे। 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना ने कुल 12 मिराज-2000 जेटों को इन आतंकी कैम्पों को तबाह करने के लिए हमले का आदेश दिया गया था।

बालाकोट पर हमला करने वाले पायलटों में से एक युवा स्क्वाड्रन लीडर का कहना है कि ''हमने मिशन के पहले बड़ी तादाद में सिगरेटें पी डाली थीं।'' उन्होंने बताया कि "हमें पता चला कि हमारा मिशन क्या है, हम मानसिक उतार-चढ़ाव से गुजर रहे थे।" पायलट ने आगे बताया की हमले में  स्पाइस-2000 बम के अलावा क्रिस्टल मेज़ नामक दूसरी मिसाइल का भी इस्तेमाल होना था लेकिन मौसमी परिस्थितियों की गड़बड़ी के चलते यह संभव नहीं हो पाया।  

उन्होंने बोला क्रिस्टल मेज़ मिसाइल की ख़ासियत यह है कि यह हमला करने के साथ-साथ वीडियो फीड भी भेजती है, अतः अगर इसका इस्तेमाल हो सकता तो वायु सेना के पास मिशन की सफलता का सबूत भी होता। पायलटों में से एक ने कहा कि वे स्पाइस बम को फायर करने की स्थिति में पहुंचने के लिए नियंत्रण रेखा के पार लगभग आठ किलोमीटर तक उड़ान भर गए थे। फिर कहा की स्पाइस-2000 एक ऐसा बम है जिसे आप फायर करते हैं और भूल जाते हैं। आपको अपने लक्ष्य की ओर उड़ान भरने के दौरान उस क्षेत्र में घूमने की ज़रूरत नहीं होती है।