जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के ही एक संस्थापक सदस्य ने महबूबा के खिलाफ बगावती सुर छेड़ दिए हैं। ये पीडीपी के संस्थापक सदस्य हैं मुज्जफर हुसैन बेग जो जम्मू कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री पद पर भी रह चुके हैं।
मुज्जफर हुसैन बेग ने कहा कि धारा 370 पर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के भड़काऊ बयानों के कारण ही राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया। बेग ने आगे कहा कि मुफ्ती ने 2017 में केंद्र को चेतावनी दी थी कि अगर अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर के लोगों को प्राप्त विशेष अधिकारों और सुविधाओं के साथ छेड़छाड़ की गई तो राज्य में तिरंगा पकड़ने वाला कोई नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि, महबूबा ने उनकी गैरहाजिरी में यह बयान दिया। ऐसे ही बयानों के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य से बदलकर केंद्र शासित प्रदेश बन गया है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री बेग ने मुफ्ती पर निशाना साधते हुए उनके भड़काऊ बयान की आलोचना की और कहा कि कोई भी अपनी तकलीफें सुनाने के लिए नई दिल्ली में बैठे शीर्ष नेतृत्व को धमकी नहीं दे सकता है। हमें भौंहें चढ़ाकर या प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को धमकी देकर कुछ हासिल नहीं होने वाला। भारत के नागरिक होने के नाते हमें अपनी शिकायतें सभ्य तरीके से उनके सामने रखनी चाहिए। हम इसी तरीके में यकीन रखते हैं।
मुफ़्ती सहित कई कश्मीरी नेताओं द्वारा अनुच्छेद 370 व 35ए पर गलतबयानी करने पर मुज्जफर हुसैन बेग ने कहा कि इन सभी नेताओं ने गलत तस्वीर पेश की और इसका नुकसान जम्मू कश्मीर के लोगों को हुआ है।
Muzaffar Hussain Baig, PDP, on Mehbooba Mufti's earlier statement that 'no one will hold tricolour in J&K if Art 370 is tampered with': Statements like that resulted in downgrading J&K from state to Union Territory. That did not help us. That should not have been made. pic.twitter.com/bWCLOAWZEs
— ANI (@ANI) January 9, 2020
केंद्र सरकार द्वारा नजरबंद किये गए कश्मीरी नेताओं पर बेग ने कहा की 'एक या दो नेताओं को कुछ अंतराल के बाद रिहा करने की नीति सरकार अपना रही है।' उन्होंने कहा की वह भी नजरबंद हुए थे और रिहा किए गए हैं। उनका मानना है की देश के संविधान व राष्ट्र के लिए समर्पण भाव से काम करने वाले मुख्यधारा के सभी नेताओं को रिहा किया जाना चाहिए।