गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च रविवार शाम को निधन हो गया। उनकी मौत की खबर सुनने के बाद सारा देश शोक में डूब गया है। पर्रिकर पिछले एक साल से पेंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे जिसके चलते उन्होंने रविवार को अंतिम साँसे ली। जनवरी 2019 में गोवा के सदन में बजट पेश करते समय पर्रिकर ने कहा था, मैं जोश में और होश में भी हूँ फिर से एक वादा करता हूँ की अंतिम सांस तक इमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ जनता की सेवा करता रहूँगा। पर्रिकर के अपने इस वादे को बखूबी निभाया।
देश के लिए अपनी आखरी साँसों तक कर्तव्य निभाने वाले ऐसे सच्चे नेता के लिए भी कांग्रेस पार्टी अपने राजनितिक दांव पेंच खेलने से बाज नही आ रही। 16 मार्च को जब क्रिटिकल कंडिशन के चलते पर्रिकर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था तब से ही कांग्रेस सत्ता को पाने की जद्दोजहद में लग गयी थी। तुरंत ही कांग्रेस के नेता चंद्रकांत कवलेकर ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि वह भारतीय जनता पार्टी की सरकार को बर्खास्त कर सदन में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करे।
कांग्रेस के इतने उतावलेपन से ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कांग्रेस पार्टी पर्रिकर की मौत का इंतज़ार ही कर रही हो। पर्रिकर की मौत की खबर सुनते ही कांग्रेस पार्टी के नेता सुनील ने पार्टी की आपातकाल बैठक बुलाई। इतना ही नही बल्कि कांग्रेस पार्टी ने 2 घंटे के अंदर ही गोवा राज्यपाल के समाने सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल मृदुला सिन्हा को लिखे पत्र में विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को बर्खास्त किये जाने की मांग की। पत्र में कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि भाजपा की संख्या में और कमी आयेगी और अल्पमत में होने वाली इस तरह की पार्टी को सत्ता में बने रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।’’
#ManoharParrikar dead: We have called for a Congress legislative meeting right now, says Goa party leader Sunil Kawthankar
— The Indian Express (@IndianExpress) March 17, 2019