पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले से देश के 40 जवान शहीद हुए थे। इस घटना के बाद से आर्थिक मोर्चे पर भारत ने पाकिस्‍तान के विरुद्ध कई कड़े फैसले लिए। साथ ही एयर स्‍ट्राइक के द्वारा पाकिस्‍तान के आतंकी ठिकानों को भी तबाह कर दिया। इतना ही नहीं भारत ने पाकिस्‍तान के आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने हेतु अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी घेराबंदी की शुरुआत कर दी है। इन सब क़दमों से दोनों देशों के बीच तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया था।  इसी तनाव को और ज्यादा बढ़ने से रोकने के लिए अब पाकिस्तान अपनी जेल में बंद भारतीय कैदियों को छोड़ने वाला है।

पाकिस्तान ने शुक्रवार को इस बाबत घोषणा कर दी है की कि वह सद्‍भावना संदेश के तौर पर इस महीने 360 भारतीय कैदियों को चार अलग अलग चरणों में रिहा करने जा रहा है जिनमें ज्यादातर कैदी भारतीय मछुआरे हैं। इन कैदियों में शामिल ज्यादातर मछुआरे अरब सागर में मछली पकड़ने निकले और गलती से भारतीय सीमा पार कर पाकिस्तानी सीमा में पहुँच गए जिसके बाद उन्हें पाकिस्तान द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस मामले में बताया है कि भारतीय मछुआरों को वापिस भारत भेजने की प्रक्रिया आठ अप्रैल को शुरू होगी। इस दिन 100 मछुआरे छोड़े जाएंगे। इसके बाद 15 अप्रैल को इस प्रक्रिया के दूसरे चरण में 100 और भारतीय कैदी छोड़े जाएंगे। फिर 22 अप्रैल को तीसरे चरण में 100 और भारतीय छोड़े जाएंगे तथा 29 अप्रैल को चौथे और आखिरी चरण में बाकी 60 कैदी मुक्त किये जाएंगे।

मोहम्मद फैसल ने यहां संवाददाताओं को अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग में बताया की, ''हम सद्भावना के तौर पर ऐसा कर रहे हैं और आशा करते हैं कि भारत सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाएगा। फिलहाल भारत में 347 पाकिस्तानी कैदी हैं और पाकिस्तान में 537 भारतीय कैदी हैं। पाकिस्तान 360 भारतीय कैदियों को छोड़ेगा जिनमें 355 मछुआरे और पांच अन्य नागरिक हैं। इन मछुआरों को कराची से लाहौर ले जाया जाएगा और फिर वाघा सीमा पर उन्हें भारतीय अधिकारियों के हवाले कर दिया जाएगा।”