पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने “नए पाकिस्तान” की संसद में गैर मुस्लिमों को प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने के हक़ देने वाले विधेयक को ख़ारिज कर दिया है। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के ईसाई सांसद नवीद आमिर जीवा ने यह विधेयक संसद में पेश किया था। इस विधेयक को बहुमत वाले पाकिस्तान की “नेशनल असेम्बली” ने ख़ारिज कर दिया है।
बता दें कि पाकिस्तान में गैर मुस्लिम को चुनाव लड़ने और सांसद बनने का अधिकार तो है परन्तु पाकिस्तान का प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने का अधिकार नहीं है। नवीद चाहते थे कि पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद में 41 और 91 में संशोधन किया जाये ताकि गैर मुस्लिमों को भी प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने का अवसर मिले। परन्तु पाकिस्तान के संसदीय कार्य मंत्री अली मोहम्मद खान ने पाकिस्तान को एक इस्लामिक राष्ट्र बताया और इस विधेयक का विरोध किया।
इसके अलावा जमात ए इस्लामी के एक सदस्य मौलाना अब्दुल अकबर चित्राली ने कहा कि संसद में इस्लामिक मूल्यों और कानूनों के विरुद्ध इस प्रकार के किसी भी बिल पर बहस नहीं हो सकती।
हालाँकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दिसंबर 2018 में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की वर्षगांठ पर कहा था कि उनके “नए पाकिस्तान” में बहुसंख्यकों के बराबर ही अल्पसंख्यको को भी दर्जा मिलेगा। साथ ही उनके साथ समान व्यवहार भी किया जायेगा।