पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने बीसीसीआई पर 7 करोड़ US डॉलर के मुआवज़े का मुकदमा ठोका था। पर बदले में पीसीबी को ही मुंह की खानी पड़ी। पीसीबी दरअसल जिस जाल में बीसीसीआई को फसाने चला था आखिर में उसमे वो खुद ही फंस गया और उसे मुकदमा हारने पर बीसीसीआई को मुआवजे के रूप में 16 लाख डॉलर (लगभग 11 करोड़ रुपये) की राशि चुकानी पड़ गयी।

दरअसल पीसीबी ने बीसीसीआई के खिलाफ यह मामला दर्ज करवाया था कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ छह द्विपक्षीय सीरीज में खेलना था, जिसे बीसीसीआई ने नहीं माना। पीसीबी ने बीसीसीआई पर करीब 5 अरब रुपये का मुआवजा मांगने के मकसद से ICC की विशेष समिति के समक्ष मुकदमा ठोका था।

ICC की विशेष समिति में भारत ने केस जीता लिया उसके बाद पाक ने चुकाया मुआवजा। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन एहसान मनी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत को ICC की विवाद समाधान समिति में मामला हारने के बाद मुआवज़े के तौर पर लगभग 10 करोड़ 98 लाख रूपये (1.6 मिलियन डॉलर) की राशि का भुगतान किया है। एहसान ने बताया की पाक ने इस मुआवज़े के मामले में लगभग 15.09 करोड़ रूपये (2.2 मिलियन डॉलर) की राशि गंवाई है।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अपनी दलील में कहा कि वे पाकिस्तान से इसलिए नहीं खेल पा रहे है क्योंकि भारत सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। भारत ने क़ानूनी रूप से पाकिस्तान बोर्ड के दावे को भी ख़ारिज कर दिया जिसमें उन्होंने समझौता ज्ञापन को कानूनी रूप से बाध्यकारी बताया था। पीसीबी अध्यक्ष एहसान मनी ने बताया कि भारत को भुगतान में दी गई राशि के अलावा उन्हें अन्य खर्च कानूनी फीस और यात्रा से संबंधित राशि भी दी है। पाकिस्तान का कहना है कि यह सीरिज नही खेलकर भारत ने अनुबंध को तोड़ा है। वहीं बीसीसीआई ने कहा कि पीसीबी ने जो इस समझौते को कानूनी रूप से बाध्यकारी बताया था वह महज एक प्रस्ताव था।