पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत में होने वाले लोकसभा चुनावों के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनके अनुसार यदि भारत के 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा जीत जाती है तो इससे दोनों देशों के बीच शांति बहाली की सम्भावना ज़्यादा होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह शांति वार्ता के प्रयासों पर ढीला रुख अपनायेगी। कश्मीर के मसले को हल करने में भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने मोदी सरकार को ज़्यादा सक्षम बताया है।

ग़ौरतलब है कि भारत की 17वीं लोकसभा के गठन के लिए देश में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच 7 चरणों में मतदान कराये जाएंगे। चुनाव परिणाम 23 मई को घोषित किये जाएंगे। भारत में हर 5 सालों में लोकसभा के लिए चुनाव होते हैं। 2014 में भाजपा को देश की जनता ने प्रचंड बहुमत से जीत दिलाई थी।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कश्मीर और देश में रह रहे दूसरे मुसलमान देश में अलगाव का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे भरोसा नही था कि भारत में ये हो रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हिन्दू कट्टरवाद का ज़िक्र करते हुए चिंता जताई कि इससे भारत में जो मुसलमान बहुत ख़ुश थे अब वे चिंतित होने लगे हैं। इमरान खान ने मोदी पर इज़राइल के प्रधानमंत्री बैंजामिन नेतन्याहू की तरह ही ‘डर और राष्ट्रवाद की भावना’ पर आधारित चुनाव प्रचार करने का आरोप लगाया है।

भाजपा के जम्मू कश्मीर के विशेष अधिकारों को हटाने के वादे पर पाक प्रधानमंत्री ने इसे चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि ये भाजपा का एक चुनावी स्टंट हो सकता है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वे पाकिस्तान में चल रहे आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए सेना तथा सरकार साथ मिलकर काम कर रही है। पाक प्रधानमंत्री ने कश्मीर में चल रहे आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की बात भी कही।