आईएनएक्स मीडिया केस में फसे पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम को उच्चतम न्यायालय ने 106 दिन तक जेल में रखने के बाद आखिरकार जमानत दे दी। इस बीच चिदंबरम की तरफ से कई बार जमानत की कोशिश की गई थी। बहरहाल अब उन्हें जमानत मिल चुकी है। चिदंबरम और उनके समर्थकों की तरफ से इस दौरान यह बात खूब प्रचारित की गई की भाजपा दरअसल चिदंबरम के खिलाफ बदले की भावना से काम नहीं कर रही है। भाजपा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। भाजपा नेता नितिन गडकरी ने पिछले दिनों इन आरोपों को सिरे से नकारा और चिदंबरम पर ही भाजपा नेताओं को फंसाने के लिए काम करने का आरोप लगाया।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस बाबत बोलते हुए कहा कि "पी चिदंबरम या किसी अन्य के खिलाफ भाजपा बदले की भावना से काम नहीं कर रही है।" उन्होंने चिदंबरम पर ही उल्टा आरोप लगाया कि "यह पी चिदंबरम ही थे जिन्होंने अतीत में यूपीए सरकार के दौरान गुजरात के तबके मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही उन्हें भी फर्जी मामलों में फंसाने की कोशिश की थी, लेकिन सभी निर्दोष साबित हुए थे।"
नितिन गडकरी ने आगे कहा कि, 'हम बदला लेने वाले लोग नहीं हैं। लेकिन दूसरी तरफ पी चिदंबरम वित्त मंत्री पद पर रहते हुए झूठे मामले दर्ज करवा रहे थे। चिदंबरम जब कांग्रेस सरकार में वित्त मंत्री थे तब उन्होंने मोदी, शाह और मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज करवाए थे।
चिदंबरम ने हम सभी को फर्जी मामलों में फंसाने की कोशिश की लेकिन बाद में हम सभी अदालतों में निर्दोष साबित हुए। चिदंबरम ने गृह मंत्री रहते भी क्या किया, पूरा देश जानता है।'
उन्होंने आगे कहा कि, 'पी चिदंबरम के खिलाफ धन शोधन के मामलों में पर्याप्त सबूत हैं और उनसे पूछताछ भी हुई है। मामला विचाराधीन है और अब अदालत ही फैसला करेगी। हम प्रवर्तन निदेशालय का दुरुपयोग नहीं कर रहे हैं। चिदंबरम को जमानत मिलने से यह नहीं साबित होता कि वह निर्दोष हैं। उनके खिलाफ जो मामले हैं उनमें कानून की प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई हुई है। जहां तक चिदंबरम के मामले में कांग्रेस के आरोप हैं कि उन्हें आईएनएक्स मीडिया मामले में फंसाया गया है तो यह बात अदालत में साबित होगी कि क्या सच है और क्या झूठ है।"