वो जमाना गया जब उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार हुआ करती है। अब यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार हैं और उनकी छबि एक फायरब्रांड हिंदूवादी नेता की है जो केवल तुष्टीकरण नहीं बल्कि सबको समान अधिकार देने के सिद्धांतों के अनुसार सत्ता चला रहे है।

पर कुछ लोग यह भूल गए और वो ऊंट खरीद लाये और घोषणा कर दी कि बकरीद पर ऊंट काटेंगे। लेकिन जब पुलिस प्रशासन ने ऊंट काटने से इंकार किया तो उन्होंने कहा कि “पिछली सरकार के दौरान तो हम काटते थे।”  परन्तु शायद वह भूल गये थे कि अब पिछली सरकार नहीं बल्कि अब योगी की सरकार है। यह मामला उत्तर प्रदेश के वाराणसी का है, जहां प्रतिबंध होने पर भी बकरीद पर ऊंट काटने पर मुस्लिम समुदाय के लोग अड़ गए। प्रशासन द्वारा इसे रोकने पर तनाव हो गया।

प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि ऊंट काटे जाने पर प्रतिबंध है इसलिए ऊंट की कुर्बानी नहीं दी जायेगी। प्रशासन के प्रतिबंध के बावजूद भी मदनपुरा, सलेमपुरा और जैतपुरा क्षेत्र में कुर्बानी के लिए 5 ऊंट लाए गए थे। शनिवार की रात इसकी जानकारी मिलने पर एसपी सिटी, एसएसपी, एडीएम सिटी, कई थानों की फोर्स समेत डीएम सलेमपुरा पहुंच गए। डीएम ने जानकारी दी कि ऊंटों की कुर्बानी पर प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की बातों से लोग सहमत नहीं थे। उनका कहना था कि कुर्बानी पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए.।

डीएम ने स्पष्ट कर दिया कि ऊंट की कुर्बानी नहीं होगी। पुलिस उन पांचो ऊंटों को रविवार की देर शाम रामनगर ले गई। साथ ही मदनपुरा, सलेमपुरा और जैतपुरा क्षेत्र में पुलिस, पीएसी और सीपीएमएफ के जवान तैनात भी कर दिए है।