लोकसभा चुनाव ख़त्म हो चुके है जिसमे बीजेपी की भारी बहुमत के साथ जीत हुई है। इस जीत के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को ले कर दिए अपने एक बयान में कहा है की “राम का काम करना है और राम का काम होकर ही रहेगा।” उन्होंने आगे कहा कि इसकी रखवाली भी करनी होगी। इस बयान से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह अयोध्या में राम मंदिर के विषय में बात कर रहे हैं। ग़ौरतलब है की उन्होंने इस बात को स्पष्ट रूप से नहीं कहा है।

उदयपुर में संघ शिक्षा द्वितीय वर्ष प्रशिक्षण के दौरान वह मंच को संबोधित कर रहे थे। वह इस कार्यक्रम में चार दिन तक हिस्सा बनकर रुके। संघ के करीब 300 स्वयंसेवक ने इस शिविर में भाग लिया हैं। जानकारी दे दें कि लोकसभा चुनाव से पहले भी आरएसएस बीजेपी सरकार के प्रति राम मंदिर को लेकर अपनी नाराज़गी दिखा चुका है।

इस कार्यक्रम में भागवत ने कहा, 'राम का काम करना है और राम का काम होकर रहेगा। राम का काम करना है तो अपना काम करना है, अपना काम खुद करेंगे तो ठीक होता है। सौंप देते हैं तो किसी को निगरानी करनी होती है।' बता दें कि भागवत से पहले मुरारी बापू ने भी कहा था कि राम का काम सबको करना है। उसी को आगे बढ़ाते हुए भागवत ने कहा कि राम का काम होकर रहेगा।

लोकसभा चुनाव के दौरान राम मंदिर मुद्दे को लेकर कोई भी चर्चा नहीं की गयी है। पीएम मोदी भी चुनावी रैली मंदिर के मुद्दे से दूर ही रहे। परन्तु चुनावों के ख़त्म होते ही मोहन भागवत के इस बयान को लेकर माहौल गर्म हो गया है। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या में विवादित ज़मीन का मामला अभी लंबित है। पीएम नरेंद्र मोदी इस मामले में कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला जब तक नहीं आ जाता है, किसी अन्य विकल्प पर तब तक विचार नहीं किया जाएगा।