कभी नवजोत सिंह सिद्धू बीजेपी के स्टार प्रचारक हुआ करते थे इतना ही नहीं हाल ही में उनके सितारे कांग्रेस में भी बुलंद थे। परन्तु आम चुनावों के बाद उनकी किस्मत ने पलटी खाई अब इस पूर्व सांसद और पंजाब के मौजूदा विधायक को उनकी पार्टी के ही नेता नहीं पूछ रहे।

आलाकमान से कांग्रेस नेता यह गुहार लगा रहे हैं कि सिद्धू को उनके क्षेत्र में प्रचार के लिए न भेजा जाए। ग़ौरतलब है की महाराष्ट्र और हरियाणा में इसी महीने विधानसभा के चुनाव होने हैं। सिद्धू की हरियाणा में हुई एक जनसभा में न सिर्फ उनके खिलाफ जमकर नारेबाज़ी हुई, बल्कि उन पर चप्पल फेंकने का भी प्रयास किया गया। हालाँकि सिद्धू का नाम पार्टी के स्टार-प्रचारकों की सूची में मौजूद है।

खबर है कि कांग्रेस नेताओं को इस बात का डर है सिद्धू के आने से बीजेपी को बैठे-बिठाए राष्ट्रवाद का मुद्दा मिल जाएगा, क्योंकि वे न सिर्फ तालिबान-समर्थक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ अपनी क्रिकेट के दिनों की दोस्ती को खुल कर ‘फ्रंट-फुट’ पर खेलते हैं, बल्कि पाकिस्तानी आर्मी के प्रमुख जनरल बाजवा से वे गले भी मिल आए थे। इतना ही नहीं पुलवामा हमले पर उनका बयान आपत्तिजनक था कि जिसकी वजह से उनके ‘बॉस’, पंजाब के मुख्यमंत्री और पूर्व सैनिक कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सार्वजनिक रूप से उनकी निंदा भी की थी।

अब हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को डर है कि भाजपा, सिद्धू के आते ही राष्ट्रवाद को सबसे बड़ा मुद्दा बना देगी साथ ही वे स्थानीय मुद्दे जिन पर कांग्रेस नेता खट्टर सरकार को घेरना चाहते हैं वह गौण हो जाएँगे। बता दें कि हरियाणा के लोक सभा चुनाव में भी सिद्धू आए थे और इसका परिणाम यह हुआ कि 2014 की आयी मोदी लहर में 7 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने इस बार पूरी 10 सीटें जीत ली।  सिद्धू जहाँ-जहाँ गए, पार्टी को वहाँ-वहाँ हार का सामना करना पड़ा। अब 21 अक्टूबर को हरियाणा में चुनाव होने हैं।