पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से करीब दो हफ्ते बीत गए हैं और इस बीच घटनाक्रम बहुत तेजी से बदले हैं। जहाँ भारत ने पुलवामा हमले के बदले की बात कही और उस बदले को 26 फरवरी को पूरा भी किया वहीं अब पाकिस्तान परस्त लोग जो भारत में रहकर पाकिस्तानी बोल बोलते हैं उनपर भी शिकंजा कसने लग गया है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कल यानी मंगलवार के दिन श्रीनगर के कई लोकेशनों पर छापेमारी की। यह छापेमारी कश्मीर में चल रही टेरर फंडिंग से जुड़े मामलों पर NIA ने सात अलग अलग लोकेशनों पर की। ये सभी छापेमारी उन अलगाववादी नेताओं के ठिकानों पर की गयी जहाँ पर टेरर फंडिंग के सबूत मिल सकते थे। बताया जा रहा है की इन छापेमारी से अलगाववादी नेताओं के बैंक से जुड़े कई दस्तावेज बरामद किये गए हैं इसके अलावा पाकिस्तानी वीजा के लिए रेकमेंडेशन लेटर भी बरामद किए गए हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जिन अलगाववादी नेताओं के लोकेशंस पर छापे मारे उनमे यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मीरवाइज उमर फारूक, मोहम्मद अशरफ खान, मसरत आलम, जफ्फार अकबर और नसीम गिलानी आदि शामिल है। इन नेताओं ठिकानों से छापेमारी में भारी मात्रा में दस्तावेज़ बरामद किए गए। इन दस्तावेजों में आतंकी संगठनों के लेटर हेड के साथ साथ कई संपत्तियों के पेपर्स, वित्तीय लेन-देन की रसीद, बैंक अकाउंट की डीटेल्स, और पाकिस्तानी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए वीजा दिलाने के लिए सिफारशी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। इसके अलावा अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक के घर से हाई स्पीड इंटरनेट कम्यूनिकेशन सेटअप भी बरामद किया गया है।

बहरहाल अलगाववादी नेताओं ने अपने यहां NIA द्वारा की गयी इस छापेमारी के विरोध में दो दिन के कश्मीर बंद का भी आह्वान किया है।अलगाववादी नेताओं ने इस बाबत बताया है की NIA के लोग स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ आए और सीधे उनके घरों में घुसे और उनके घरों को तहस-नहस करना शुरू कर दिया और उनके परिवारों को डराया।