अपने समय में चारा घोटाला सबसे बड़ा घोटाला था और इस मामले में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव रांची की जेल में सजा भी काट रहे हैं। बता दें कि अब फिर से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। राज्य सरकार ने खुलासा किया है कि पांच साल के दौरान साल 1990-91 से 1995-96 तक 16 लाख रुपये का सरसों तेल भैंस की सींग की मालिश के नाम पर खरीदा गया था।
यह खुलासा विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में बिहार सरकार ने बिहार विनियोग अधिकाई व्यय विधेयक 2019 को पेश करते समय किया है। 1977-78 से लेकर 2015-16 के दौरान हुए अधिकाई व्यय को विनियमित कराने हेतु यह विधेयक पेश किया गया था।
इन आंकड़ाें के मुताबिक 1990-91 से 1995-96 के मध्य 5 साल के दौरान टोटल 16 लाख रुपये में 49,950 लीटर सरसों तेल की खरीदारी हुई थी। होटवार दुग्ध आपूर्ति सह डेयरी फार्म के महाप्रबंधक डॉ जेनुअल भेंगराज ने शीर्ष नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों की मदद से भैंस की सींग की मालिश के नाम पर तेल की खरीद का एक फजी बिल तैयार किया था।
विधानसभा में बिहार विनियोग अधिकाई व्यय विधेयक 2019 को पेश करने के दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बहुत ज्यादा व्यय या आवश्यकता को बजट के माध्यम से ही लिया जाता है, परन्तु इस प्रक्रिया की लालू प्रसाद यादव की तत्कालीन सरकार ने अनदेखी की। उन्होंने फर्जी बिलों के आधार पर बजटीय आवंटन से ज्यादा निकासी की।
बता दें कि चारा घोटाला मामले ने सबको अचंभित किया था अब भैंस के सींग की मालिश का मामला किसी आश्चर्य से कम नहीं है।