आज से करीब 50 साल पहले 20 जुलाई, 1969 को चांद की सतह पर मानव के पहले कदम पडे़ थे। चंद्रयात्री नील आर्मस्ट्रांग चाँद पर जाने वाले पहले व्यक्ति थे। जिसके बाद दुनिया को चाँद के बारे में जानने का मौका मिला था। वे वहां से काफी अहम वैज्ञानिक जानकारी, जैसे कि पत्थर और मिट्टी लेकर आए थे। लेकिन वे काफी चीजें वहां छोड़कर भी आए थे। इसमें नील आर्म्सट्रॉन्ग के फुट प्रिंट, एक अमेरिकन झंडा और मानव अपशिष्ट के करीब 96 बैग मौजूद है।

रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है की अब वैज्ञानिक चांद पर वापस जाकर दशकों पुराने मानव अपशिष्ट को वापस लाना चाहते हैं, ताकि वहां जीवन की खोज को और आगे बढ़ाया जा सके। बता दें की अभी तक कुल 12 अंतरिक्ष यात्री चाँद पर जा चुके है और 96 बैग छोड़कर वहां आए थे। इन बैग्स में उनका मल मूत्र और अन्य कचरा था। नासा ने उन्हें पूरी तैयारी के साथ भेजा था ताकि उन्हें अपशिष्ट को स्पेस में छोड़कर आना न पड़े। इसके लिए नासा ने उनके लिए ख़ास ड्रेस तैयार की थी। जिसमे डायपर भी नहीं था।

बता दें की अंतरिक्ष यात्रियों ने स्पेस में कुछ दिन से ज्यादा नहीं गुजारे हैं। जिसके बाद उन्हें मजबूरी में अपना अपशिष्ट चांद पर छोड़कर आना पड़ा। दरअसल इस मिशन को इस तरह से बनाया गया था की स्पेसक्राफ्ट में ज्यादा वजन हुआ तो स्पेसक्राफ्ट को नुकसान होता और वो यात्रिओं के लिए खतरा बन सकता है। इस तरह वे अपने पीछे काफी गंदगी और दूसरी चीज (अपशिष्ट) छोड़ आए ताकि वो चाँद की मिट्टी और चाँद के पत्थरों को अपने साथ ले जा सकें।

नासा चाँद से अंतरिक्ष यात्रियों के दशकों पुराने मल-मूत्र के 96 बैग इसलिए लाना चाहता है ताकि अध्ययन कर के यह पता करें की मानव अपशिष्ट में क्या अब भी बैक्टिरिया मौजूद हैं? या कभी भी फिर से ऐक्टिव हो सकते हैं। यह जानकर उन्हें ये जानकारी मिलेगी की स्पेस में जीवन की कितनी संभावना है।