हाथ से बुने खादी के कपड़ों का चलन कहीं गुम होता हुआ नजर आ रहा था। खादी के कपड़ों के स्थान पर विदेशी ब्रांडेड कपड़ों की चलन अधिक हो गयी थी पर भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने एक बार फिर अपने सराहनीय प्रयास से हाथ से बुने हुए खादी के कपड़ों की बिक्री बढ़ा दी है।

हाथ से बुने हुए खादी के कपड़ों को अपनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगो से एक अपील की थी और उनकी इस अपील का असर लोगो में देखने को इस कदर मिला है की खादी की सालाना बिक्री में 28% बढ़त नजर आयी है।

वर्ष 2004-14 की अगर बात की जाये तो यह वृद्धि दर क्रमश: 6.48 प्रतिशत और 6.82 प्रतिशत थी वहीं वर्ष 2015-2019 के बीच खादी, पॉली और सोलर के मिले जुले उत्पादन में क्रमश: 25.52 प्रतिशत और 34.86 प्रतिशत की वार्षिक दर से वृद्धि हुई है।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग की जानकारी के अनुसार खादी उत्पादों की बिक्री 28% बढ़ने के साथ ही 3,215.13 करोड़ रुपये हो गई। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अनुसार मोदी जी की अपील के कारण खादी उद्योग में वृद्धि देखने को मिली है। आयोग के अनुसार हाथ से बुने खादी के कपड़ों का उत्पादन भी 16% बढ़कर 1,902 करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंच गया है।

केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि खादी और ग्रामोद्योग के चलन को वापस लाने के साथ ही इसे बनाने वाले कारीगरों और श्रमिकों के पुनरुद्धार के लिए पीएम मोदी द्वारा दिए गए विशेष जोर के कारण ही यह संभव हो सका है। इसके साथ ही उन्होंने इस सफलता का श्रेय खादी और ग्रामोद्योग के एग्रेसिव मार्केटिंग और जनशक्ति को भी दिया है।

सक्सेना ने बताया कि खादी के कपड़ों में नमो जैकेट हर आयु वर्ग का सबसे पसंदीदा उत्पाद रहा है। मोदी जैकेट बिक्री में ‘नमो ऐप’ ने अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले दो महीनों में इस ऐप के माध्यम से KVIC से 7,000 मोदी जैकेट खरीदे गए है। इसके साथ ही उन्होंने 2019-20 के अंत तक खादी की बिक्री 5,000 करोड़ रुपये से भी अधिक होने की उम्मीद बताई है।