हम पृथ्वी पर इधर उधर घूमते रहते हैं, पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमते हुए सूरज के चारों तरफ घूम रही है, पृथ्वी के आस पास कई गृह भी साथ साथ घूम रहे हैं अर्थात अगर हम यह कहे की हम किसी घूम घुमैया में रह रहे हैं तो यह गलत नहीं होगा। अब आप सोचेंगे की भूल भुलैया तो सुना था पर ये घूम घुमैया क्या है तो ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है अभी अभी आपके सामने एक नए शब्द का सृजन हुआ है आप भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं मुझे बगैर क्रेडिट दिए हुए।

बहरहाल आप अब तक बहुत ज्यादा घूम गए होंगे तो आपको मुद्दे की तरफ ले चलता हूँ। दरअसल इस घूम घुमैया की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि भारत में आप राजनीतिक सभाओं का तकनीक अपग्रेड हो रहा है। जी हाँ मोदी जी सूरत में होने जा रहे रैली में एक ऐसे मंच पर भाषण देने वाले हैं जो चारो तरफ घूमता रहेगा। बता दें की ऐसे घूमते मंच पर सभा का संबोधन करने वाले मोदी जी भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे।

आपने कई शादियों में वरमाला पहनाने वाले रस्म के समय ऐसे मंच देखे होंगे जिसमे दूल्हा और दुल्हन शादी में आये मेहमानों के बीच घूमते नजर आते हैं और घूमते घूमते ही एक दूसरे को वरमाला पहनाते हैं। फिल्मों में भी ऐसे मंच का बहुत प्रयोग किया जाता है। मनोज कुमार की फिल्म पूरब और पश्चिम के एक गाने ‘जब जीरो दिया मेरे भारत ने’ का फिल्मांकन भी ऐसे ही एक घूमते मंच पर किया गया था।

बता दें की इस घूमते मंच को सूरत स्थित सरदार वल्लभभाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (SVNIT) कॉलेज तथा अहमदाबाद के इंजीनियरिंग छात्रों ने मिलकर बनाया है। सूरत स्थित इनडोर स्टेडियम में पीएम मोदी महज भाषण ही नहीं देंगे बल्कि इसके साथ साथ वहां मौजूद हजारों लोगों से प्रश्न उत्तर भी करेंगे। अपनी इस गुजरात यात्रा में सूरत में होने वाले इस कार्यक्रम के अलावा मोदी जी सूरत से शारजाह जाने वाली पहली फ्लाइट को भी रवाना करेंगे।