पर्यावरण की बेहतरी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हमेशा प्रयासरत रही है शायद इसी लिए पिछले दो सालों में देश के हरित क्षेत्र में 5,188 वर्ग किलोमीटर का इज़ाफा हो गया है। इस बढ़ोतरी में वन क्षेत्र तथा वन से अलग पेड़ों के हरित क्षेत्र भी शामिल हैं।
इन आंकड़ों की घोषणा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सोमवार को की। उन्होंने भारत में वन क्षेत्र की स्थिति रिपोर्ट 2019 (आईएसएफआर) को प्रस्तुत करते हुए बताया कि देश में वन क्षेत्र की बढ़ोतरी सभी श्रेणियों में हुई है।
प्रकाश जावडेकर ने आगे बताया कि "देश के कुल क्षेत्र फल में अब वन क्षेत्र की हिस्सेदारी 21.67 प्रतिशत हो गई है।" उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के दौरान वन क्षेत्र में 13 हज़ार वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि सघन वन क्षेत्र, विरल वन क्षेत्र और सामान्य वन क्षेत्र, तीनों श्रेणियों में बढ़ोतरी दर्ज करने वाला भारत विश्व का एक मात्र देश बना है।
इस दौरान बोलते हुए प्रकाश जावडेकर ने कहा कि देश के उत्सर्जित कार्बन में 2017 के पिछले आकलन के मुकाबले 4.26 करोड़ टन की वृद्धि हुई। उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट हमें भरोसा दिलाती है कि हम पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने की राह पर हैं।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने इस दौरान यह भी बताया कि "वर्तमान में हुआ ये आकलन यह दिखाता है कि पूर्वोत्तर भारत में वन आच्छादित क्षेत्र में 765 वर्ग किलोमीटर (0.45 प्रतिशत) तक की कमी आई। असम और त्रिपुरा के अलावा पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में वन आच्छादित क्षेत्र में कमी देखी गई।"