आतंक प्रभावित जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा एजेंसियाँ अत्याधुनिक सर्विलांस तकनीक का उपयोग करके आतंकियों व नक्सलियों की प्रत्येक हरकत पर नजर रखी जाएगी।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस मानवरहित एरियल व्हीकल के कई नए मॉडल का फील्ड परीक्षण और पायलट प्रोजेक्ट को शुरू करने की अनुमति मिल गई है। सरकार का मानना है कि नए मॉडल के यूएवी सुरक्षा एजेंसियों की आपरेशनल आवश्यकता को पूर्ण करने में सक्षम रहेगी। इसके मुताबिक सघन जंगली इलाकों में चल रही खतरनाक गतिविधियों की भनक भी ली जा सकेगी।
सूत्रों ने बताया कि क्यू सीरीज के नए यूएवी, ए- 400 एंड जेनेसिस, नेत्रा फेमिली आफ मल्टीरोटर यूएवी, रक्षकबोट समेत कुछ अन्य यूएवी की नई सीरीज का निर्माण किया गया है। इनका उपयोग खुफ़िया सूचनाएं इकट्ठा करने में अधिक बेहतर तरीके से किया जा सकता है। फील्ड ट्रायल भी इन उपकरणों का किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि सघन जंगली इलाकों के अतिरिक्त काफी ऊंचाई से इन उपकरणों का इस्तेमाल करके सूचनाएं जुटाई जा सकती हैं।
सूत्रों ने यह भी कहा कि यह सर्विलांस उपकरण हर प्रकार की परिस्थिति में कार्य करने में सक्षम हैं जिस कारण इसका बहुउद्देशीय इस्तेमाल हो सकता है। कई एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्रीय सशस्त्र बलों समेत एनएसजी जैसे विशेषीकृत आतंक रोधी बल भी इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके अलावा राज्यों में भी आवश्यकता के अनुसार आपरेशनल ज़रूरतों के अनुरूप इनका उपयोग कर सकते है। विशेष कर उन राज्यों में बनाए गए आतंक रोधी पुलिस बलों के लिए इसे बहुत ही उपयोगी बताया गया है। सूत्रों ने आगे कहा कि आतंकी व उग्रवादी चौंकाने वाले तरीकों का इस्तेमाल कर रहे है। इसलिए उनका सामना करने के लिए सुरक्षा बलों को अधिक सक्षम और प्रभावी उपकरणों की आवश्यकता है।