नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पिछले कुछ दिनों से देश के अलग अलग हिस्सों में विरोध हो रहा है। आज गुरुवार को इसी कड़ी में CAA के विरुद्ध सभी वामदल और मुस्लिम संगठन ने भारत बंद का आह्वान किया गया है। इस बंद का असर उत्तरप्रदेश और बिहार से लेकर कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू तक में देखने को मिल रहा है।
बहरहाल भाजपा CAA पर कांग्रेस पार्टी के विरोध को हिपोक्रेसी बताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का साल 2003 का एक वीडियो सामने लेकर आई है। इस वीडियो में मनमोहन सिंह के साल 2003 में राज्यसभा में दिए भाषण के अंश हैं। जिसमे वे बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर हिंसा के शिकार हुए शरणार्थियों के लिए सरकार को सहानुभूति पूर्ण बर्ताव रखने का सुझाव देते हुए नजर आ रहे हैं।
दरअसल ये वाक्या तब का है जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार थी और राज्यसभा में मनमोहन सिंह विपक्ष के नेता थे। उस दौरान मनमोहन सिंह ने सदन में उपस्थित तब के उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को संबोधित करते हुए कहा था कि “मैं शरणार्थियों के संकट को आपके सामने रखना चाहता हूँ। बँटवारे के बाद हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर नागरिकों का उत्पीड़न किया गया। अगर ये प्रताड़ित लोग हमारे देश में शरण के लिए पहुंच रहे हैं तो इन्हें शरण देना हमारा नैतिक दायित्व है। इन लोगों को शरण देने के लिए हमारा व्यवहार उदार पूर्ण होना चाहिए। मैं गंभीरता से नागरिकता संशोधन विधेयक की ओर उप-प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर दिलाना चाहता हूँ।“
In 2003, speaking in Rajya Sabha, Dr Manmohan Singh, then Leader of Opposition, asked for a liberal approach to granting citizenship to minorities, who are facing persecution, in neighbouring countries such as Bangladesh and Pakistan. Citizenship Amendment Act does just that... pic.twitter.com/7BOJJMdkKa
— BJP (@BJP4India) December 19, 2019
ऐसे समय में जब कांग्रेस पार्टी नागरिक संशोधन अधिनियम पर मोदी सरकार के विरुद्ध आक्रामक नजर आ रही है, यह मनमोहन सिंह का पुराना संबोधन एक नए राजनीतिक घमासान की शुरुआत कर सकता है। भाजपा नेता इस वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी के विरूद्ध आक्रामक हो सकते हैं और आक्रामकता का सबसे माकूल जवाब आक्रमण से ही दिया जा सकता सकता है।