आजकल नई नई चीजें सीखने के लिए यूट्यूब सबसे बेहतर तरीका बन गया है। यूट्यूब से ऑनलाइन वीडियो देखकर आप बहुत कुछ नया सिख सकते हो। फिर चाहे वो खाना बनाना, अपने करियर व ऑफिस के काम से जुड़ी समस्या हो, कुछ भी हो आपको यूट्यूब पर अपनी समस्या का कुछ न कुछ हल ज़रुर मिल जायेगा। परन्तु यूट्यूब पर आपको सकारात्मक कंटेंट के साथ नकारात्मक कंटेंट भी मिलता है। जो आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है। ऐसे ही एक वीडियो को देखकर पंजाब के रहने वाले शख्स ने 10 लाख के नकली नोट छाप दिए है।
हाल ही में पुलिस ने एक ऐसे शख्स को पकड़ा है जिसके पास से करीब 1 लाख 38 हजार के नकली नोट बरामद हुए है। पुलिस ने पंजाब के रहने वाले रवि संधू को दिल्ली के तिलक नगर थाना क्षेत्र के साप्ताहिक बाजार से हिरासत में लिया गया है। यहाँ वो एक दुकान पर नकली नोट को चलाने के लिए गया था तब पुलिस ने उसे नकली नोटो के साथ हिरासत में ले लिया गया है।
नकली नोटों के बारे में पूछने पर उसने बताया कि वह दो साल पहले यूट्यूब पर वीडियो देख रहा था तब उसकी नजर एक विडिओ ट्यूटोरियल पर पड़ी जिसमे यह बताया गया था कि किस तरह से भारतीय मुद्रा जैसे दिखने वाली नकली नोट छापे जाते हैं। और उसने वह वीडियो देखकर नकली नोट बनाना शुरू किया।
नकली नोट उसने जब बनाना शुरू किया तो पहले वो पंजाब के दूरदराज इलाकों में इन नोटों को चलाता था पर पंजाब पुलिस को इस बारे में भनक लग गयी थी इसलिए वो पंजाब छोड़कर दिल्ली आ गया था।वो इन नकली नोटों को दिल्ली के साप्ताहिक बाजारों और शराब के ठेकों पर रात में जब भीड़ होती थी जब चलाता था। रात में इन दुकानों पर भीड़ बहुत ज्यादा होती थी जिसके कारण कोई नोट चेक नहीं करता है। इस तरह से उसने इन दुकानों पर लाखों रुपये के नोटों को खपा दिया है।
पूछताछ में रवि ने पुलिस को जानकारी दी है की "अब तक वह 10 लाख रुपये के फर्जी नोट छाप चुका है"। रवि पंजाब के लुधियाना में रहता है और अभी अविवाहित है। रवि ने विष्णु गार्डन इलाके में एक रूम किराए पर लेकर रहता है और उसे पंजाब पुलिस ने फर्जी करंसी छापने के जुर्म में गिरफ्तार भी किया था।
रवि को गिरफ्तार करने के बाद साउथ दिल्ली की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया "रवि संधू के खिलाफ फर्जी करंसी प्रिंटिंग का केस दर्ज लिया गया है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस काम में उसके साथ कोई और भी तो नहीं था। आरोपी संधू नोटों की तस्वीरें डाउलोड करता था और साधारण पेपर पर उनके प्रिंटआउट लेता था। नोटों को वह बेहद ध्यान से काटता था, जिसका साइज असली नोट जैसा होता। फर्जी नोट तैयार कर वह उन्हें हर जगह से मोड़ देता था ताकि वे पुराने दिखें और लगे कि असली नोट हैं।