एक मशहूर कहावत है ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ जिसका इस्तेमाल हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में दिए भाषण में किया था। इस दौरान राहुल गांधी द्वारा राफेल सौदे पर आरोप लगाते हुए ‘चौकीदार चोर है’ कहने पर मोदी ने पलटवार करते हुए कहा था ‘उल्टा चोर चौकीदार को डांटे।’ बहरहाल कुछ कुछ इसी कहावत की पंक्तियाँ पुनः थोड़ी थोड़ी व्याख्यित हुई हैं पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बहाने।
पिछले कुछ महीनों से आपने देखा होगा की कई मौकों पर भाजपा नेताओं को पश्चिम बंगाल में प्रवेश नहीं करने दिया गया। भाजपा द्वारा प्रस्तावित रथ यात्रा को भी बंगाल में मंजूरी नहीं दी गई। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ के हेलीकॉप्टर को बंगाल में उतरने के लिए जगह नहीं दी गई थी। इतना सब कुछ होने पर जिस ममता बनर्जी को लोकतंत्र का ख्याल नहीं आया उन्हें कल तब लोकतंत्र का ख्याल आ गया जब उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एक प्रोग्राम में जाने से उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने रोक दिया।
जिस ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र के उसूलों को ताक पर रख कर भाजपा को राज्य में दाखिल होने से रोका वे उत्तरप्रदेश के वाकये पर लोकतंत्र की दुहाई दे रही थीं। ममता ने इस वाक़या पर विरोध जताते हुए ट्वीट किया और अपने ट्वीट में लिखा “मैंने अखिलेश यादव से बात की है। हम सब अखिलेश यादव को छात्रों को संबोधित करने से रोकने के भाजपा के इस उग्र व्यवहार की भर्त्सना करते हैं। यहाँ तक की जिग्नेश मेवानी को भी यहाँ जाने से रोका गया। हमारे देश में लोकतंत्र कहाँ है? और ये लोग हमें सीखा रहे हैं!”
I've already spoken to @yadavakhilesh. We all condemn the arrogant attitude of the so-called #BJP ‘leaders’ who didn't allow Akhilesh to address the students. Even @jigneshmevani80 was not allowed. Where is the democracy in our country? And they are giving lessons to everybody!
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 12, 2019
कायदे से तो ममता बनर्जी को योगी आदित्यनाथ से सवाल पूछने के नजाय अपने गिरेबान में झाँक कर देखना चाहिए की आपने कैसे अपने क्षेत्र में लोकतंत्र का कत्ल किया है। कैसे पंचायत चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों के साथ तृणमूल कॉंग्रेस के गुंडों ने हिंसक वारदातें की हैं। अगर आप इन सब बिंदुओं पर आत्ममंथन कर इसकी माफ़ी मांग लें तब शायद आप योगी के द्वारा किये गए कार्यों पर सवाल उठाने के लिए योग्य हो जाएँ।