महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले एक महीने से चल रहे सारे के सारे समीकरण धरे के धरे रह गए और पिछले कुछ ही घंटे में बड़ा उलटफेर करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने सरकार बना ली है। इस गठबंधन में अभी तक की खबर के अनुसार पूरी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तो शामिल नहीं नजर आ रही है पर अजित पवार को समर्थन करने वाले एक धड़े का समर्थन इसे प्राप्त हो गया है।

नवगठित भाजपा सरकार की कमान एक बार फिर बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने सम्हाली है और उनके साथ डिप्टी सीएम के तौर पर एनसीपी के अजित पवार ने शपथ ले ली है। ख़बरों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार के पास करीब 20 से 25 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

बहरहाल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों के समर्थन के बाद भाजपा सरकार बन जाने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने यह बताया है कि इस फैसले में उनका कोई हाथ नहीं है और उनकी जानकारी के बिना यह निर्णय लिया गया है। अभी तक ऐसा कहा जाता था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शरद पवार की इच्छा के बिना पत्ता तक नहीं हिलता परन्तु आज हुए घटनाक्रम के बाद यह बात गलत साबित हो गई है।

बहरहाल अगर राष्ट्रवादी पार्टी के विधायकों के टूटने पर शरद पवार कोर्ट जाते हैं और दल-बदल कानून का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में प्रश्न उठता है की आने वाले समय में राजनीतिक घटनाक्रम क्या होगा। बता दें की वर्तमान में मौजूद दल-बदल कानून के अनुसार अगर एक पार्टी के सदस्य दूसरी पार्टी के साथ जाना चाहते हैं तो उसके लिए कम से दो-तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ती है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास 54 विधायक हैं वर्तमान दल-बदल कानून के अनुसार अजित पवार को बीजेपी के साथ मिलने के लिए कुल 41 विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। अब देखना दिलचस्प होगा की आने वाले समय में भाजपा सरकार यह आंकड़ा जुटाने में सफल होती है या नहीं।