मध्यप्रदेश में कुछ महीनों बाद नगरीय निकाय के चुनाव आने वाले है। जिसके लिए सभी राजनैतिक पार्टियों की तैयारी भी शुरू है। इस बीच मध्यप्रदेश में लम्बे अरसे के बाद सत्ता में कांग्रेस पार्टी ने नगरीय चुनाव एक्ट में कुछ संशोधन किये है। जिसके अनुसार मध्यप्रदेश में महापौर को अब अप्रत्यक्ष प्रणाली के द्वारा चुना जाएगा।
कल भोपाल में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बैठक बुलाई गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कई निर्णय लिए जिसमे महत्वपूर्ण निर्णय रहा नगरीय निकाय एक्ट में संशोधन। कमलनाथ सरकार ने इस एक्ट में बदलाव करते हुए कहा कि महापौर का चुनाव अब सीधे न होते हुए अब अप्रत्यक्ष रूप से होगा। अब महापौर एवं अध्यक्ष पार्षदों के माध्यम से चुने जायेंगे।
वहीं दूसरी तरफ नगरीय निकाय की सीमा का परिसीमन भी 6 महीने के बजाए 2 महीने में करना होगा और आपराधिक छवि वाले पार्षदों को 6 महीने की सज़ा और 25 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान भी लाया गया है।
कमलनाथ सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने विरोध किया है। इस मामले पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा "महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष को सीधे पार्षदों द्वारा चुनने का जो प्रस्ताव कांग्रेस लाई है, इससे जोड़-तोड़ और खरीद-फरोख्त के उसके कुत्सित प्रयास को बल मिलेगा। हम माँग करते हैं कि जनता पूर्ववत महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत के अध्यक्ष को भी चुने।"
महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष को सीधे पार्षदों द्वारा चुनने का जो प्रस्ताव कांग्रेस लाई है, इससे जोड़-तोड़ और खरीद-फरोख्त के उसके कुत्सित प्रयास को बल मिलेगा। हम माँग करते हैं कि जनता पूर्ववत महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत के अध्यक्ष को भी चुने। pic.twitter.com/RGtHYMPRjc
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 25, 2019
इस फैसले के अलावा कई और फैसले भी लिए गए इस कैबिनेट बैठक में
इंदौर से महू अर्थात मनमाड रेल लाइन का 400 करोड़ की लागत से होगा। यह रेलवे लाइन जवाहरलाल नेहरू बन्दरगाह ट्रस्ट के तहत बिछाई जाएगी।
मध्यप्रदेश में मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी में करीब 650 पदों को खत्म किया जा रहा है। अगर भविष्य में कोई नई कंपनी बनेगी तो इन्ही लोगों को लिया जायेगा। किसी और तरीकों से इन पदों को नहीं भरा जायेगा।
मोदी सरकार ने जो परिवहन एक्ट के तहत बीमा और दूसरे कागज़ों के चलते जो जुर्माना बढ़ाया है उस पर विचार करने के बाद ही लागू किया जाएगा।