पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार सूचना के अधिकार के जरिये जुटाई गई जानकारी में पता चला है कि मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की स्विट्ज़रलैंड यात्रा के दौरान राजकोष से लगभग 1.58 करोड़ रूपये खर्च किये थे। उनकी इस यात्रा के दौरान उनके साथ 3 शीर्ष सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे।

सूचना का अधिकार रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, मध्यप्रदेश मुख्य सचिव एस आर मोहंती, मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अशोक बरनवाल और डीआईपीपी प्रिंसिपल सेक्रेटरी मोहम्मद सुलेमान दावोस (स्विट्ज़रलैंड) में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने के लिए गए थे।

सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत अजय दुबे के द्वारा दायर आवेदन के ज़रिये जानकारी मिली कि इस खर्च के लिए लगभग 1.58 करोड़ की धनराशि के लिए 5 जनवरी को अनुमति ली गई थी।

खर्च की गई कुल राशि में से 30 लाख रूपये एयर टिकट और वीज़ा के लिए खर्च किये गए। जबकि 45 लाख रूपये होटल में रुकने के लिए खर्च किये गए। 9.5 लाख रूपये स्थानीय यात्रा में खर्च हुए। जुरिच एयरपोर्ट पर वीआईपी लांज के उपयोग में 2 लाख रूपये खर्च किये गए। 50 हजार रूपये यात्रा बीमा तथा 40 लाख रूपये डीआईपीपी लांज में हिस्सा लेने और प्रायोजित सामग्री में खर्च किये गए।

100 डॉलर प्रतिदिन की दर से 1.5 रूपये उन्हें मंहगाई भत्ता भी दिया गया। इसके अलावा उन्होंने 15 लाख रूपये के दूसरे खर्चे भी किये। इस खर्चे से बचा जा सकता था।

देश में करप्शन के खिलाफ लड़ने वाले अजय दुबे के अनुसार 1.58 करोड़ के इस बड़े खर्च से बचा जा सकता था ख़ासतौर पर तब जबकि राज्य अपने लेन-देन को ठीक करने के लिए संघर्ष कर रहा है। उनके अनुसार करदाता के इस पैसे को बेहतर तरीके से प्रयोग किया जा सकता था।

इसके जवाब में राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि वह दावोस की वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा नही लेते को वह मध्यप्रदेश में निवेश प्राप्त करने के लिए निवेश की संभावनाओं के प्रचार के मौके से चूक जाते।