सोशल मीडिया आज के जमाने में हर इंसान का एक अभिन्न अंग बन गया है। इसी कारण से अब सबका फोकस सोशल मीडिया पर रहता है।  फेसबुक ट्विटर यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म है बहुत प्रचलित हैं। व्यापार से ले कर फिल्म और सरकार से ले कर राजनीति हर तरह के क्षेत्र अपनी उपस्थिति सोशल मीडिया पर जमा रहे हैं। पर कई मौकों पर सोशल मीडिया का दुरुपयोग भी देखने को मिलता है। आजकल चुनावों का वक़्त चल रहा है ऐसे में सोशल मीडिया का राजनैतिक दुरूपयोग बहुत देखने को मिल रहा है। विश्व की सबसे बड़ी सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक ने इसी वजह से लोकसभा चुनावों से पहले भारतीय फेसबुक पर एक बड़ी कार्यवाही की है।

इस कार्यवाही में फेसबुक ने देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस से संबंधित 600 से भी अधिक अकाउंट तथा लिंक को अपने वेबसाइट से हटाने वाली है। मीडिया एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक फेसबुक कांग्रेस से संबंधित कुल 687 पेज तथा लिंक हटाने वाली है। इन पेजे के बारे में कहा गया है कि वे एक नेटवर्क का हिस्सा थे और उन्हें फेक न्यूज़ के आधार पर नहीं, बल्कि "अप्रामाणिक व्यवहार" और स्पैम को बढ़ाने के लिए हटाया गया था। इसके अलावा, फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म और इंस्टाग्राम पर 103 पेज, ग्रुप और अकाउंट को भी हटा दिया है, जो पाकिस्तान में बने थे और इसी नेटवर्क के समान व्यवहार में संलग्न हैं।

फेसबुक ने दुनिया में पहली बार किसी पार्टी के खिलाफ इतना बड़ा कदम उठाया है। फेसबुक के दुनिया में सबसे अधिक भारत में 30 करोड़ यूजर्स हैं। पिछले कुछ महीनों से फेसबुक अपने कार्यों में पारदर्शिता लाने की कोशिश में कई नए नए कदम उठा रहा है और ये कदम भी इसी कड़ी का एक अहम कदम माना जा रहा है।

फेसबुक ने अपने बयान में कहा है कि उनकी जांच में यह पाया गया कि यूजर्स ने नकली अकाउंट का उपयोग किया और अपने कंटेंट का प्रसार करने और एंगेजमेट बढ़ाने के लिए विभिन्न ग्रुप में शामिल हुए। उनके पोस्ट में स्थानीय समाचार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे राजनीतिक विरोधियों की आलोचना शामिल है।

फेसबुक पर साइबरस्पेस पॉलिसी के प्रमुख नथानिएल ग्लीइकर ने इस बाबत दिए अपने एक बयान में कहा "इस कोशिश के पीछे के लोगों ने अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की, हमारी समीक्षा में पाया गया कि यह कांग्रेस (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) की आईटी सेल से जुड़े व्यक्तियों से जुड़ा था।"

ग्लीइकर ने यह भी कहा कि फेसबुक उनके व्यवहार के आधार पर खातों को हटा रहा है, न कि उनके द्वारा पोस्ट की गई सामग्री के आधार पर।