भारत देश में वर्षो से चला आ रहा विवादित राम जन्मभूमि विवाद आज खत्म हो गया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के नेतृत्व में बनी पांच जजों की बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन का मालिकाना हक राम जन्मभूमि न्यास को दिया है। मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रामलला के पक्ष में सुनाया. मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला की मूर्ति को सौंप दिया जाये, हालांकि इसका कब्जा केन्द्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा।
फैसला पढ़ने के दौरान पीठ ने कहा कि ASI रिपोर्ट के मुताबिक नीचे मंदिर था. CJI ने कहा कि ASI ने भी पीठ के सामने विवादित जमीन पर पहले मंदिर होने के सबूत पेश किए हैं. CJI ने कहा कि हिंदू अयोध्या को राम जन्मस्थल मानते हैं. हालांकि, ASI यह नहीं बता पाया कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाई गई थी।
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसला आने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा- 'हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. लेकिन, इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. पूरा फैसले की स्टडी के बाद आगे का एक्शन तय होगा.'वही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिमों से अपील की है कि किसी भी तरह का जूलूस न निकाला जाए या प्रदर्शन न किया जाए.