भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो का कल पश्चिम बंगाल के जादवपुर यूनिवर्सिटी में करीब साढ़े 5 घंटे तक घेराव किया। इस दौरान उनके साथ वामपंथी छात्रों ने बदसलूकी भी की जिसके बाद राज्यपाल उन्हें छुड़ाने के लिए वहां पहुंचे तो उन्हे भी 1 घंटे तक घेर कर रखा गया।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री जादवपुर यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे।
वाइस चांसलर से बाबुल सुप्रियो ने पुलिस को बुलाने को कहा परन्तु उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान में पुलिस बुलाने के स्थान पर वो इस्तीफ़ा देना अधिक पसंद करेंगे। राज्य में सत्तारुढ़ दल टीएमसी ने बयान जारी किया और कहा कि राज्यपाल का यूनिवर्सिटी में जाकर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री को बचाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि राज्य सरकार को सूचित किए बिना ही राज्यपाल वहां गए इसके बाद उन्होंने रास्ते में ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फ़ोन किया। उन्हें मुख्यमंत्री ने वहां न जाने की राय दी परन्तु वह नहीं माने और वहां चले गए।
सत्ताधारी दल ने बताया कि यह क़ानून-व्यवस्था का मामला नहीं है। टीएमसी ने यह भी जानकारी दी कि राज्य की पुलिस यूनिवर्सिटी के बाहर ही खड़ी थी परन्तु वाइस चांसलर की तरफ से कोई अनुरोध न आने के कारण वह अंदर नहीं गई।
बता दें कि बाबुल सुप्रियो ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर कहा कि, "ये कुछ भी कर लें पर मुझे उकसा नहीं पाएंगे, लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखने में विपक्ष की भूमिका सत्ताधारी दल की तरह ही काफी अहम है, तथा मतभेदों को धैर्यपूर्वक सुनना भी आवश्यक है। इस तरह का व्यवहार अनुचित तथा निन्दनीय है।"
ये कुछ भी करले उकसा मुझे पाएंगे नहीं।
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) September 19, 2019
लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखने में विपक्ष की भूमिका सत्ताधारी दल की तरह ही काफी अहम है, तथा मतभेदों को धैर्यपूर्वक सुनना भी आवश्यक है।
इस तरह का व्यवहार अनुचित तथा निन्दनीय है।@BJP4India @ABVPVoice @BJP4Bengal @KailashOnline @BJPLive pic.twitter.com/tTyYdql2WU
बाबुल सुप्रियो को छात्रों के मध्य से निकालने में सीआरपीएफ़ के गार्ड भी असमर्थ थे। बाबुल सुप्रियो को बाहर निकालने के लिए खुद यूनिवर्सिटी के चांसलर भी वहां पहुंचे। इसे राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व माना जा सकता है।
वामपंथी विचारधारा के छात्रों द्वारा किया गया ये कृत्य निंदनीय कहलायेगा। लोकतंत्र में इस तरह का विरोध जिसमे किसी को बोलने भी ना दिया जाए ये सरासर गलत है। यूनिवर्सिटी में केंद्रीय मंत्री का विरोध किये जाने के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिनमे उनके साथ हाथापाई होती हुई भी नजर आ रही है। एक केंद्रीय मंत्री के साथ इस तरह का व्यवहार हो सकता है तो राज्य के आम नागरिकों की सुरक्षा पर स्वतः प्रश्नचिन्ह खड़े हो जाते हैं।
Shocking state of affairs in Mamata Banerjee’s West Bengal. Worse are these deranged SFI loonies in Jadhavpur University, who are nothing more than canon fodder for the Urban Naxals, who want to further their ‘Bharat tere tukde honge’ agenda...#SaveBengal pic.twitter.com/NgNt1hF4NS
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 20, 2019
One more also make him famous..
— Akshay Singh (@Akshaysinghel) September 20, 2019
FIR should be registered against Debanjan Chatterjee, for Physically assaulting and attempting to murder of a Union Minister @SuPriyoBabul in #JadavpurUniversity Look his facebook Profile.https://t.co/0myXRgW3Y4 pic.twitter.com/CeYwDBwIIR
This is how Union Minister #BabulSupriyo was manhandled by leftist Goons at Jadhavpur University with Mamatas Blessings. Now Democracy is not in danger for so called Liberals?? This isnt lynching?? #JadavpurUniversity #JadhavpurUniversity pic.twitter.com/1xigt27bZr
— Rosy (@rose_k01) September 20, 2019
Shocking
— Pooja Tripaathi 🇮🇳 (@PoojaTripaathi) September 20, 2019
Sh Babul Supriyo manhandled by #UrbanNaxal students in #JadavpurUniversity .If they can do this to a Union Min, just imagine how they treat other citizens ?
Is this Univ in India or China ?
No outrage from Yechuri/Mamta ?
I stand with @SuPriyoBabul ,Keep the battle ON pic.twitter.com/jGX115dYfT