आज 1 नवंबर को देश के कई राज्य जैसे मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक का स्थापना दिवस है। आज ही के दिन इन राज्यों की स्थापना हुई थी। सभी राज्यों की सरकार अपने अपने राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाते है। मध्यप्रदेश में भोपाल स्थित लाल परेड ग्राउंड पर कई तरह के राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित होंगे। आइये जानते है मध्यप्रदेश की स्थापना से जुड़ी कई अहम जानकारी जिससे हम आज तक अछूते रहे।

मध्यप्रदेश की जब 1 नम्बर 1956 को स्थापना हुई तब मध्यप्रदेश क्षेत्रफल के आधार पर देश का सबसे बड़ा राज्य हुआ करता था बाद में मध्यप्रदेश से 14 जिलों को अलग करके छत्तीसगढ़ की स्थापना की गई। 1956 में मध्यप्रदेश राज्य की स्थापना हुई और तब से ही इसे मध्य भारत के रूप में जाना जाता है।

मध्यप्रदेश राज्य देश के बीच में स्थित है और इस राज्य की सीमा अपने आसपास पांच अलग अलग राज्यों से जुड़ी हुई है। हम उत्तर की तरफ देखे तो मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश से जुड़ा है। दक्षिण में महराष्ट्र से, पश्चिम में गुजरात से, तो उत्तर पश्चिम में राजस्थान से जुड़ा हुआ है। मध्यप्रदेश का पुनर्गठन भाषाओं के आधार पर किया गया था।

मध्य भारत की स्थापना के बाद डॉ पट्टाभि सीतारमैया मध्यप्रदेश के पहले राज्यपाल बने थे। पं. रविशंकर शुक्ल ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली थी और पं. कुंजी लाल दुबे को मध्यप्रदेश का पहला अध्यक्ष बनाया गया था।

प्रदेश की स्थापना के बाद राजधानी बनाने के लिए प्रदेश के कई जिलों की होड़ लग गई थी जिसमे जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर शामिल थे। भोपाल के निजाम को भारत में हुए सभी रियायतों का एकीकरण पसंद नहीं आया और वो हैदराबाद के निजाम का समर्थन कर रहे थे इसलिए उन्होंने भोपाल को राजधानी बनाने में कोई रूचि नहीं दिखाई। उस समय केंद्र में मौजूद सरकार देश में किसी भी प्रकार की देश विरोधी गतिविधियाँ नहीं चाहती थी और इसके लिए उन्होंने भोपाल पर पूरी नजर रखने के लिए उसे ही मध्यप्रदेश की राजधानी बना दिया था। राजधानी बनने के बाद 1972 में भोपाल को जिले की उपाधि दी गई थी।