देश भर में नागरिगता संशोधन कानून और NRC को लेकर हंगामा मचा हुआ है। इस हंगामे को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित एक रैली में यह कहा कि पूरे देश में NRC लाने कि फिलहाल कोई योजना नहीं है। हालांकि पूरे देश के इतर असम में NRC करवाई जा चुकी है और इसमें जिन लोगों के नाम नहीं आएं हैं उन्हें पहले फॉरेन ट्रिब्यूनल में भेजा जाएगा। अगर फॉरेन ट्रिब्यूनल में भी उन्हें कोई मदद नहीं मिलती है तो फिर उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखे जाने की तैयारी की जा रही है।
असम में घुसपैठियों को कैद में रखने के लिए एक ऐसे ही देश के सबसे बड़े डिटेंशन सेंटर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह डिटेंशन सेंटर असम के गोवालपारा जिले में निर्माणाधीन है। इस निर्माणाधीन डिटेंशन सेंटर में बहुत सारे मजदूर लगातार काम कर रहे हैं। यहां पर चार-चार मंजिल की 15 इमारतों का निर्माण होना है।
गौरतलब है कि गोवालपारा जिले के इस निर्माणाधीन डिटेंशन सेंटर का 65 फीसदी निर्माण कार्य संपन्न हो चुका है। इसके निर्माण में 46 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इसके निर्माण के बाद सिर्फ इस सेंटर में 3 हजार घुसपैठियों को रखने का इंतजाम हो जाएगा। इस सेंटर का निर्माण कार्य दिसंबर 2018 में प्रारम्भ हुआ था। पर इसके निर्माण की निर्धारित समयसीमा पार कर चुकी है। यहाँ बनने वाले 15 इमारतों में 13 इमारतें पुरुषों को रखने के लिए होंगे वहीं बाकी के दो इमारतों में महिलाओं को रखने की व्यवस्था की जायेगी।
गौरतलब है की वर्तमान में असम में ही छह जिला जेलों में अस्थाई डिटेंशन सेंटर चलाये जा रहे हैं। डिब्रूगढ़, सिलचर, तेज़पुर, जोरहाट, कोकराझार और गोवालापारा के जेलों में फिलहाल ये सेंटर चलाये जा रहे हैं और इनमें अभी लगभग 800 लोगों को रखा गया है।