क्रिकेट के कालखंड में वीरेंदर सहवाग का जमाना जिसने देखा है वो बहुत भाग्यशाली है। ये सहवाग ही थे जो विपक्षी टीम के गेंदबाजों की पहली गेंद से ही बखिया उधेड़ देते थे। राजनीति में कभी कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सहवाग मोड में आकर विरोधियों की बखिया उधेड़ देते हैं। कल संसद भवन में भाषण देते हुए भी मोदी कुछ कुछ सहवाग मोड नजर आये थे।

संसद में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी की खूब खबर ली। इस दौरान मोदी ने एक घंटे से भी ज्यादा समय तक भाषण दिया और विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों और खड़े किये गए सवालों पर सिलसिलेवार तरीके से प्रहार किये।

इस दौरान बोलते हुए मोदी ने इशारों इशारों में सोनिया राहुल और रॉबर्ट वाड्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा की आजकल कुछ लोग थोक भाव में बेल पर हैं तो कुछ लोगों की बड़ी-बड़ी संपत्तियां बाहर आ रही हैं। उन्होंने कहा की बेनामी संपत्ति के सरकार द्वारा जब्त किये जाने से बहुत सारे बड़े लोग परेशान हो रहे हैं।

इसके साथ ही मोदी ने अंदाज में कांग्रेस के 55 साल पर अपनी सरकार के 55 महीनों की चर्चा करते हुए कहा की “कांग्रेस शासनकाल के साल सत्ताभोग वाले थे, जबकि भाजपा की सरकार सेवाभाव वाली सरकार है।“ उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार की पहचान पारदर्शिता, ईमानदारी तथा भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने, जनता के लिए तेज गति से काम करने के रूप में बनी है।”

मोदी ने महागठबंधन को महामिलावट बताते हुए विपक्षी दलों पर कटाक्ष किया और कहा की मिलावटी सरकार देश के लिए खतरनाक होती है। इस दौरान उन्होंने कहा कि “2014 में 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी गई पर अब तो (विपक्ष के गठबंधन की ओर इशारा करते हुए) महामिलावट आने वाली है।” मोदी ने कहा कि “देश ने यह महामिलावट 30 साल देखी है, स्वस्थ समाज महामिलावट से दूर रहता है और मजबूत लोकतंत्र में भरोसा करता है।

राफेल के बहाने कांग्रेस शासनकाल के दौरान सेना की अनदेखी किये जाने का भी मुद्दा उन्होंने उठाया और बताया की कैसे सेना का तब नहीं रखा जाता था। तब सैनिकों के पास बुलेटप्रूफ जैकेट तक नहीं थे। उन्होंने कहा की सेना को हमने सशक्त बनाया साथ ही कहा की राफेल पर हंगामा देश की सुरक्षा के साथ मज़ाक की तरह है और कांग्रेस पार्टी नहीं चाहती की देश की वायु सेना मजबूत हो।