चीन सरकार की बदनाम कंपनी हिकविजन अमेरिका और ब्रिटेन में बैन है। लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार चीन की इस कंपनी के सीसीटीवी कैमरे लगाने जा रही है।

न्यूज़ एजेंसी के पास कुछ दस्तावेज़ हैं जिनमें अंकित है कि सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को दिल्ली में 1.5 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का ठेका दिया गया है। ‌‌

अब यदि हिकविजन के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते है तो क्या चीन से इसका कोई सम्बन्ध है? बता दें कि कंपनी में कंट्रोलिंग शेयर होल्डर अर्थात असली मालिक चीन की सरकार ही है। अब यदि चीन की कंपनी हिकविजन कंपनी के कैमरे दिल्ली में लगाए जाते है तो देश की राजधानी को एक खतरा हो सकता है।‌‌

यह भी दावा किया गया है कि अपने देश में चीन 20 करोड़ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगा चुका है।  जानकारी दे दें कि चीन ने ऐसा वीडियो सर्विलांस नेटवर्क बनाया है जिसके द्वारा कोई भी कहीं भी जाए या आए वो सरकार के सीसीटीवी कैमरों की निगाह में रहेगा। इतना ही नहीं चीन की सरकार ने इन कैमरों में ऐसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लगाए हैं, जो आदमी का चेहरा डिटेक्ट कर सकते है और उससे संबंधित पूरी जानकारी ले सकते है। ‌‌

इन कैमरों के बारे में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह का कहना है कि बीईएल के कैमरे हर जगह लगे हुए हैं, यह मेट्रो में लगे हैं, यदि यह बैन है तो ये कैमरे यहां क्यों लगे है। हमने कम दाम दिए हैं साथ ही नियमों का पालन भी किया है। ‌‌

बता दें कि हिकविजन को कैमरे लगाने का टेंडर रेलवे भी दे सकता है। हालाँकि चीनी कंपनी के कैमरों पर नीति आयोग की बैठक में गंभीर चिंता जताई गई है। टेमा यानी टेक्निकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (TEMA) के प्रतिनिधियों ने कहा कि हिकविजन कंपनी के कैमरे अमेरिका में बैन हैं।

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