दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के अधिकारों के व्याख्या के मामले को लेकर चल रही बहस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया है। अधिकारों के मामलो पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी की अगुवाई वाली बेंच ने गुरुवार को इस मामले में अपना फैसला स्पष्ट कर दिया।
इस फैसले के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस सहित एंटी करप्शन ब्यूरो का अधिकार केंद्र सरकार को दिया है जो पहले भी उन्हीं के पास था। इस फैसले को आम आदमी पार्टी (आप) ने अस्पष्ट बताया है। अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला संविधान और लोगों की अपेक्षाओं के खिलाफ है।
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को गलत बताते हुए उसे ‘‘संविधान और लोकतंत्र’’ के खिलाफ होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि आप सरकार इसका कानूनी उपाय तलाश करेगी। केजरीवाल ने कहा, '40 साल से एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) दिल्ली सरकार के पास थी, अब नहीं है तो अगर कोई भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री से करेगा तो उस पर कार्यवाही कैसे होगी?
उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में कोई भ्रष्टाचार करता है तो उन्हें उसपर कार्रवाई करने के लिए बीजेपी के पास जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा की एक चपरासी का भी दिल्ली का मुख्यमंत्री ट्रांसफर नही कर सकता। मुख्यमंत्री के पास अगर एक चपरासी तक का ट्रांसफर करने की ताकत नही है तो वो मुख्यमंत्री कैसे काम करेगा?
उन्होंने कहा, 'हम दिल्ली के लोगों से अपील करते हैं, आपको हमें मजबूत करना होगा हम फुल स्टेटहुड और दिल्ली की बेहतरी के लिए लड़ेंगे।' केजरीवाल ने कहा कि हम दिल्ली की जनता से अपील करते हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में वह दिल्ली की सभी 7 सीट आम आदमी पार्टी को दें, ताकि हम संसद में दबाव बना सकें और दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए हम पूरी लड़ाई लड़ सके।
बहरहाल आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने ट्वीट कर के सुप्रीम कोर्ट पर हमला किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा “क्या मोदी जी की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट निर्णय नही देता? राफ़ेल में खुला भ्रष्टाचार हुआ केन्द्र सरकार ने SC में झूठ बोला पर SC ख़ामोश ? CBI पर SC ने निर्णय दिया या मज़ाक़ किया? दिल्ली की करोड़ों जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया सुप्रीम कोर्ट है या नायब तहसीलदार कोर्ट?”
आम तौर पर नेता हो या देश का कोई भी व्यक्ति हो वो सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों पर ऐसे खुलेआम बयानबाजी नहीं करता है पर आम आदमी पार्टी शायद अलग ही स्तर की राजनीति कर रही है। इन्हे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने में भी कोई परेशानी नहीं होती है। अगर इसके बाद सुप्रीम कोर्ट इनके खिलाफ कार्यवाही करने लग जाए तो क्या ये उसी तरह कोर्ट से भी माफ़ी मांगेंगे जैसे इन्होने अरुण जेटली और गडकरी जैसे नेताओं से माफ़ी मांग चुके हैं!