वामपंथी एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ईमेल लीक्ड हो गया है जो की सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस लीक्ड ईमेल में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के तहत मिला विशेष दर्जा हटाने के विरोध की रणनीति का विवरण दिया गया है। साथ ही इस ईमेल में अपने काम के लिए किस-किस गणमान्य व्यक्ति से बात हो सकती और पुलिस थानों पर जाकर गिरफ़्तारी के ब्यौरे की माँग करने की बात की गई है। हाल ही में कश्मीर दौरे से लौटी उनकी ‘फैक्ट-फाइंडिंग टीम’ से सम्बंधित यह मेल वायरल हो रहा है।

कविता कृष्णन ने इस मेल के स्क्रीनशॉट में 3 लोगों को निर्देश दिया कि पहले उनमें से कुछ बाकी की एकत्रित की गई ‘सामग्री’ (जैसे -फ़ोटो, वीडियो, दस्तावेज़ आदि) लेकर कश्मीर से निकले और फिर एक-आधे लोग पुलिस के पास जाए व गिरफ़्तारियों के ब्यौरे की माँग करें।

इन स्क्रीनशॉट्स से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चरम-वामपंथियों की जड़ें कितनी गहरी है। बता दें कि कविता कृष्णन दूसरे स्क्रीनशॉट में पूर्व-सैन्यकर्मी कपिल काक, जस्टिस शाह के विषय में बात करती है इसमें उन्होंने उनका नाम लिया है।