मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में जब सामान्य वर्ग के गरीबों को सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10% आरक्षण देने का निर्णय लिया गया तब इसका कई वर्ग ने विरोध किया था। विपक्षी दल कांग्रेस ने भी मोदी के इस निर्णय पर हालांकि खुल के विरोध नहीं किया था पर इसकी कई खामियां जरूर निकाली थी। पर अब मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने खुद मोदी के इस निर्णय को अपने प्रदेश में लागू कर दिया है।
बता दें की मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के कैबिनेट ने बुधवार को सामान्य वर्ग के वंचितों को सरकारी नौकरी तथा शिक्षा में 10% आरक्षण देने के प्रस्ताव को पारित कर दिया। इस मौके पर कमलनाथ सरकार में जनसंपर्क और विधि एवं विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने मीडिया को बताया कि सीएम कमलनाथ की लीडरशिप में बुधवार को कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई जिसमे सामान्य वर्ग के वंचितों को सरकारी नौकरी तथा शिक्षा में 10% आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
मंत्री पीसी शर्मा ने ने इस दौरान कहा कि "आरक्षण का लाभ उन सभी को मिल सकेगा, जिनकी सभी स्रोतों से आय आठ लाख रुपये वार्षिक से अधिक नहीं हो, उनके स्वामित्व में 5 एकड़ से ज्यादा कृषि योग्य जमीन न हो,, नगर निगम क्षेत्र में 1200 वर्ग फुट क्षेत्र के मकान या फ्लैट से अधिक आकार का आवास न हो, नगर पालिका क्षेत्र में 1500 वर्ग फुट के मकान या फ्लैट और नगर पंचायत क्षेत्र में 1800 वर्ग फुट के मकान या फ्लैट से ज्यादा आकार का आवास न हो। जहाँ तक बात ग्रामीण क्षेत्रों की करें तो वहां ऐसी कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
गौरतलब है कि संसद में पीएम मोदी के प्रथम कार्यकाल में किये गए 124वें संविधान संशोधन में सामान्य वर्ग के आरक्षण हेतु विधेयक पास करवाया गया था जिससे उन्हें नौकरी और शिक्षा में 10% आरक्षण दिया जा सके। इस विधेयक को कई राज्यों ने पहले ही लागू कर दिया था। मध्यप्रदेश ने भी अब इस विधेयक को लागू कर दिया है।