दिन में 5 वक़्त के नमाज से नहीं पर हफ्ते में दो बार सुन्दर काण्ड पाठ से है कमलनाथ को समस्या?

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Prabhat Sharma
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दिन में 5 वक़्त के नमाज से नहीं पर हफ्ते में दो बार सुन्दर काण्ड पाठ से है कमलनाथ को समस्या?

मध्यप्रदेश में जब से कांग्रेस सरकार आई है तब से प्रदेश को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अभी हाल ही मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में स्थित प्राचीन रणजीत हनुमान मंदिर में सरकार के निर्देश के मिलते ही इंदौर प्रशासन ने एक आदेश जारी किया जिसमे मंदिर प्रांगण में प्रतिबंधात्मक धारा 144 लगाई गई है और पूरे परिसर ने ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग निषेध कर दिया है।

प्राचीन रणजीत हनुमान मंदिर इंदौर का एक ऐसा मंदिर है जहाँ भक्तों के अनुशासन की मिसाल दी जाती है। लोगों को समस्या न हो इसलिए मंदिर की वार्षिक शोभा यात्रा सुबह जल्दी निकली जाती है। और मंदिर में कोई भी लाउडस्पीकर नहीं है फिर भी प्रशासन ने मंदिर में धारा 144 लगाई है।

प्रशासन के इस निर्णय का इंदौर शहर के कई संगठनों द्वारा विरोध किया गया है।

संस्था हिन्द रक्षक के संयोजक एकलव्य सिंह गौड़ ने प्रशासन को पत्र लिख कर कहा कि "यह आदेश सिर्फ रणजीत हनुमान मंदिर के लिए ही है या दूसरों पर भी लागू होगा। शहर में कई धर्म स्थलों पर दिन भर में चार से पांच बार लाउड स्पीकर का उपयोग होता है। उससे वृद्ध, रोगी, गर्भवती महिलाओं को परेशानी होती है। इन पर भी रोक लगाई जाए।"

प्रशासन ने इस पर सफाई पेश करते हुए कहा कि मंदिर के आसपास लोग रहते है जिन्हे लाउडस्पीकर से परेशानी होती है। कई बार हमारे पास शिकायतें आई है। मंदिर परिसर में देर रात तक लाउडस्पीकर चलते है जिसके कारण यह आदेश जारी किया है।

हिन्दू संगठनों और कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी प्रशासन द्वारा लिए इस निर्णय का विरोध किया जिसके बाद प्रशासन को अपने निर्णय से पीछे हटना पड़ा। प्रशासन के निर्णय पर इंदौर कलेक्टर लोकेश कुमार जाटवा ने आदेश के बारे में बताया धारा 144 के तहत जो आदेश जारी किया है वह पूरे शहर के मंदिरों पर लागू होगा। देर रात का पूजा पाठ करना मना नहीं है।

प्रशासन के आदेश मिलने के बाद मंदिर प्रशासन ने भी आदेश जारी किया "जिले के समस्त उत्सव आयोजन के दौरान लाउड स्पीकर, डीजे, बैंड व अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। अत: उक्त आदेश के पालन में मंदिर प्रांगण (रणजीत हनुमान) के संपूर्ण क्षेत्र में ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। - मंदिर प्रशासक व दांडिक अधिकारी राऊ"

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