“श्रीराम के लिए प्राण भी दे सकता हूँ” कहने वाले कल्याण सिंह पुनः सक्रिय राजनीति में कर रहे हैं एंट्री

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Rishabh Verma
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“श्रीराम के लिए प्राण भी दे सकता हूँ” कहने वाले कल्याण सिंह पुनः सक्रिय राजनीति में कर रहे हैं एंट्री

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का नाम अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के प्रमुख चेहरों में लिया जाता है। एक समय ऐसा था जब कल्याण सिंह की देश की राजनीति में तूती बोलती थी। उन्हें धर्मपुत्र कल्याण सिंह कहा जाने लगा था। कल्याण सिंह ने 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद यूपी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और कहा था कि वह श्रीराम के लिए सरकार तो क्या, अपने प्राणों का बलिदान भी दे सकते है। वहीं कल्याण सिंह आज फिर से औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए हैं । पार्टी मुख्यालय पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई ।

बता दे कि जातिगत वोट का गणित हो या फिर विकास की बात हो या कानून-व्यवस्था को संभालने का मुद्दा हो सभी कसौटियों पर कल्याण सिंह से बेहतर कोई नाम नहीं है। पिछले 5 सालों से राजस्थान के राज्यपाल के तौर पर सक्रिय राजनीति से दूर रहे कल्याण सिंह एक बार फिर नई पारी शुरू कर रहे है। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ-साथ  राम मंदिर निर्माण में कल्याण सिंह बड़ी भूमिका मेें दिखाई दे सकते है।

कल्याण सिंह का राम मंदिर आंदोलन से बहुत पुराना नाता रहा है। उनकी सत्ता अयोध्या में बाबरी विध्वंस विवाद में चली गई थी। जब 6 दिसम्बर 1992 को विवादित स्थल को कारसेवकों ने ढहाना शुरू किया तो कल्याण सिंह ने पूरी घटना की ज़िम्मेदारी स्वयं ले ली और पद की लालसा न करते हुए सरकार से इस्तीफ़ा दे दिया था। उस समय कल्याण सिंह ने कहा था कि उन्हें अपनी सरकार जाने का कोई दुःख नहीं है। वह श्रीराम के लिए प्राण भी दे सकते हैं।

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