रविवार की शाम जेएनयू कैम्पस में कई नकाबपोश लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया। ये नाकाबपोश लोग लाठी डंडों से लैस होकर आये थे और इन्होने विश्वविद्यालय परिसर में जम कर उत्पात मचाया। इन उत्पातियों ने साबरमती हॉस्टल, साबरमती टी-प्वाइंट सहित कई होस्टल में तोड़ फोड़ की और चार घंटे तक उत्पात मचाते रहे।
ख़बरों के अनुसार इन हमलों में छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष का सिर फट गया है और कुछ प्रोफेसर समेत 20 अन्य लोग भी घायल हो गए हैं। इस घटना की वजह से देर रात तक जेएनयू कैम्पस में अफरातफरी मची रही।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब छात्रा वास की बढ़ी फीस को लेकर छात्र संघ के बैनर तले परिसर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा था। इस दौरान छात्र संघ के दो गुटों में झड़प शुरू हो गई। इसके कुछ देर बाद वहां नकाबपोश लोग लाठियां और डंडे लेकर पहुँच गए और हमला कर दिया। इस दौरान छात्रावासों में भी हमला हुआ और प्रदर्शनकारी साबरमती टी प्वांइट से साबरमती सहित अन्य छात्रा वास पहुंचे जिनके पीछे नकाबपोश भी वहां पहुंचे और तोड़ फोड़ करने लग गए।
इस हंगामे और हिंसा के बाद पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया। रविवार देर रात पुलिस मुख्यालय के बाहर छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया। जेएनयू में हमले के बाद सियासत भी शुरू हो गई है। भाजपा-कांग्रेस सहित तमाम दलों के नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। राहुल गांधी ने इस मसले पर कहा कि जेएनयू में हिंसा उस डर को दिखाती है जो हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतों को छात्रों से लगता है। दूसरी तरफ भाजपा की तरफ से रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों से परिसर में शांति बनाये रखने की अपील की।